गाजीपुर: भांवरकोल क्षेत्र के बीरपुर गांव मे लगभग चार दशक पूर्व में स्थापित लिफ्ट कैनाल विभागीय रखरखाव एवं अधिकारियों की उदासीनता के चलते किसानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। जबकि इस समय धान की नर्सरी तैयार हो गई है। अब किसान धान की रोपाई शुरू कर चुके हैं। परन्तु नहर में पानी नहीं छोड़े जाने से इस नहर से जुड़े किसान बर्षा के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। हालांकि इस नहर की सिंचाई क्षमता 50 क्यूसेक की है ।लेकिन स्थापना के बाद से आज तक इस लिफ्ट कैनाल को पूरी क्षमता से नहीं चलाई गई। लगभग 18 किलोमीटर लंबी नहर का पानी दो-तीन किलोमीटर के बाद आगे कभी नहीं जा पाया। हालांकि नहर के रखरखाव पर प्रतिवर्ष विभाग में लाखों रूपए का ब्योरा दर्ज किया जाता है। लेकिन इस नहर को पूरी क्षमता से कभी नहीं चलाया गया। जिसके चलते इस नहर से जुड़े किसान निजी साधनों पर खेती को विवश हैं। हालंकि इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय किसानों द्वारा विभाग के उच्चाधिकारियों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाता है। लेकिन कोई पहल नहीं होने से नहर से जुड़े किसानों की मंशा पर पानी फिर रहा है। मजबूरन इस नहर से जुड़े किसान निजी नलकूपों अथवा असिंचित खेती करने को विवश हैं।
किसानों के लिए शोपीस बना वीरपुर पंप कैनाल
