श्रीराम ने किया ताड़का वध, किया अहिल्या का उद्धार


गाजीपुर: भांवरकोल क्षेत्र के अराजी बुढ़ैला पाण्डेय का पूरा (अमरूपुर)में आयोजित नौ दिवासी श्री रुद्र महायज्ञ के सातवें दिन श्रीराम कथा में सोमवार को ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और धनुष यज्ञ के प्रसंग की कथा हुई। यज्ञाधीश विष्णु दास जी महाराज ने कहा कि ऋषि विश्वामित्र श्रीराम को भगवान का अवतार बताकर राजा दशरथ से मांग कर उन्हें अपने आश्रम ले गए। यहां श्रीराम ने उनके यज्ञ को संपन्न कराया और मारीच व ताड़का का वध किया। इसी बीच राजा जनक के निमंत्रण पर ऋषि विश्वामित्र श्रीराम व लक्ष्मण को लकर जनकपुर के लिए चल दिए। रास्ते में भगवान ने अहिल्या का उद्धार किया। उन्होंने पुष्पवाटिका में राम-सीता के मिलन का भावपूर्ण उल्लेख किया। राजा जनक की सभी में देश-देशांतर के राजा धनुष भंग नहीं कर पाए। अंत में भगवान श्रीराम ने सहज ही धनुष को भंग करने का सुयश प्राप्त किया। धनुष भंग का समाचार सुनकर पूरा जनकपुर आह्लादित हो गया। देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की। महाराज ने सीता-राम विवाह का विषद वर्णन किया। यजमान शशिकांत पाण्डेय उर्फ अकालू पाण्डेय ने पूजा की। परंपरा के अनुसार अंत में आरती के साथ कथा को विश्राम दिया गया।

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