
कुशीनगर । बार-बार विधानसभा व लोकसभा के चुनाव से देश पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था होने पर विकसित भारत की राह आसान होगी। साथ ही मजबूत व स्थिर भारत के निर्माण में मदद मिलेगी। एक देश-एक चुनाव संविधान की मूल भावना को दोबारा स्थापित करने वाला कदम होगा। यह चुनाव खर्च और आचार संहिता तक सीमित नहीं, देश की राजनीतिक स्थिरता, सुशासन और विकास को नई दिशा देने का माध्यम बनेगा।
यह बातें भाजपा के गोरखपुर क्षत्रिय उपाध्यक्ष डा. सत्येंद्र सिंहा ने कही। वह शनिवार को पडरौना विधानसभा के सूर्यनगर बाजार में आयोजित एक देश एक चुनाव प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1952 से 1967 तक लोकसभा व
एक देश, एक चुनाव से निकलेगी विकसित भारत की बेहतर राह
सूर्यनगर स्थित बाजार में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करते क्षत्रिय उपाध्यक्ष डा. सत्येंद्र सिंहा
विधानसभा चुनाव साथ होते थे। कांग्रेस परिवार में जब अस्थिरता के बादल छाने लगे तो पार्टी ने उसे देश पर थोप दिया। संविधान को दरकिनार कर 1972 में होने वाले चुनाव को 1971 में ही करा दिया था। उसके बाद से चुनाव अलग-अलग होने लगे।
भाजपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में चुनाव प्रणाली सुधारने पर जोर
एक देश एक चुनाव को लेकर बड़े स्तर पर जन जागरण की जरूरत है। बार-बार होने वाले चुनाव से 3.5 से 4.5 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है। इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। अध्यक्षता सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि वर्तमान चुनाव प्रणाली में
प्रतिवर्ष देश में पांच से छह प्रदेशों में विधानसभा चुनाव कराए जाते हैं। इससे अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ता है। जिला पंचायत प्रतिनिधि वरुण राय ने भी संबोधित किया।
हरिशंकर राय चंचल राय राजेश पांडे मारकंडे गुप्ता योगेंद्र सिंह सुरेश जयसवाल अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष दिनेश राय ने की व संचालन । नि.मंडल अध्यक्ष महेश रौनियार
पूर्व मंडल अध्यक्ष धनंजय तिवारी ने किया। रविंद्र खरवार नित्यानंद पांडे संदेश दुबे प्रमोद श्रीवास्तव ओम प्रकाश दुबे राजकुमार गुप्ता रितेश दुबे राजेश सिंह बृजभूषण गुप्ता भोला जायसवाल अमरनाथ सोनी शैलेश मद्धेशिया आदि मौजूद रहे।