चंदौली: पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के क्षेत्राधिकारी द्वारा आईजीआरएस निस्तारण के आख्या में जिस प्रकार से आख्या प्रेषित की थी वह संदिग्ध के घेरे में आ रही है। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी तीसरे व्यक्ति के बयान मात्र दे देने से किसी भी मामले का निस्तारण नहीं किया जा सकता। प्रकरण में रौना निवासी दाता तिवारी का नाम संदिग्ध के घेरे में आ रहा है। यह दावा किया जा रहा है कि दाता तिवारी ने यह बयान दिया कि वर्ष 2006 में भीखपुर गांव के आराजी नंबर 18 में 15 बिस्वा भूमि हमने ईंट भट्ठा संचालक को दी थी तथा बदले में मुझे 15 गाड़ी ईंट, भट्ठा संचालक द्वारा दिया गया था। अब आईटीआई कार्यकर्ता द्वारा इस संबंध में क्षेत्राधिकारी पीडीडीयू कृष्णमुरारी शर्मा से समस्त आख्या के संबंध में आरटीआई 2005 के धारा 6(1) के अंतर्गत सूचना मांग ली है।
यह भी दावा किया जा रहा है कि चकबंदी में गड्ढे वाली भूमि का आवंटन नहीं किया जाता तथा यदि 2013 में गड्ढे वाली भूमि का आवंटन हुआ है तो यह आवंटन किस शासनादेश के आधार पर किया गया।
