मंत्री दरबार में बैठे फरियादी
Report by -Praveen Rai
मऊ- सरकार द्वारा जनहित के लिए अनेक रास्ते निकाले जाते हैं जिससे जनता को इसका सीधा लाभ मिल सके जैसे तहसील दिवस,थाना दिवस, मुख्यमंत्री पोर्टल आदि ब्यवस्था जनता को अपनी फरियाद सुनाकर त्वरित न्याय की ब्यवस्था की जाती है। लेकिन वर्तमान समय में यह सारा सिस्टम जिम्मेदार अधिकारी के आगे बौना साबित हो रहा है। चाहे फरियाद आप थाना दिवस में करिए या तहसील दिवस अथवा मुख्यमंत्री पोर्टल पर रिपोर्ट लगाना और उसपर कार्यवाही करना तो इन्हीं जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों का काम है।यदि बात आइजीआरएस की हो तो उसमें न्याय मिलने की जगह केवल खानापूर्ति होती है,और प्रार्थी के। मोबाइल पर मैसेज जाता है कि आपके मामले का निस्तारण कर दिया गया है जबकि इसकी हकीकत यह होती है कि वह मामला यथास्थिति में रहता है।यही कारण है कि अब डीएम और एसपी दरबार में भीड़ लग रही है। हालांकि अगर देखा जाए वहां की स्थिति भी वही “ढाक के तीन पात” वाली है ।अब जबसे जनपद के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा अपना दरबार लगाने लगे हैं अफसरों को छोड़ जनता अब मंत्री दरबार में जाना ज्यादा सुविधाजनक समझ रही है यही कारण है कि मंत्री एके शर्मा के पैतृक निवास काझा खुर्द में अब सुबह ही फरियादियों की भीड़ इकट्ठा होने लगी है।अब देखना यह होगा कि क्या जनता को मंत्री जी न्याय दिलाते हुए मरहम लगाने का काम करेंगे कि मर्ज जस का तस रहेगा। हालांकि जनता दरबार सांसद राजीव राय भी लगाते हैं और फरियादी बहुतायत संख्या में अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं और सांसद राजीव राय द्वारा तुरंत मरहम लगाते हुए अधिकारियों को फोन किया जाता है, चुंकि सासंद जी विपक्षी पार्टी से आते हैं फिर भी अधिकारी इनकी बात का वजन इस भय से रखते हैं कि कहीं सांसद जी सदन में आवाज न उठा दें, लेकिन सांसद जी ठहरे विपक्षी, इसलिए जनता अब मंत्री जी के दरबार की तरफ रुख कर रही है।अब देखना होगा मंत्री जी का मरहम काम आता है कि नहीं।