गाज़ीपुर: बहादुरगंज के तटवर्ती गांव ग्राम-रसूलपुर( चुल्लू के पूरा) में सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी जय गुरु वंदे जी महाराज ने कहा कि भगवान की कृपा जब होती है तभी सत्संग सुनने को मिलता है गोस्वामी तुलसीदास जी लिखा है कि बिनुहरि कृपा मिलहि नहीं सन्ता,,,,,,
परमात्मा की कृपा होती है तभी सत्संग मिलता है धरती पर चारों फल अर्थ -धर्म -काम-मोक्ष सत्संग सुनने से ही मिलता है मीरा को सत्संग गुरु की कृपा से ही मिला था गुरु की शरण में जब मीरा गई तब मीरा के हृदय में प्रभु का वास हो गया तो मीरा ने राज पाट-महल सब छोड़कर के कहा- मिलो रे राम रतन धन पायो,,,,,,,,
इन्होंने कहा कि त्रिकुटी रूपी घाट को कोई संत ही लगाएग, सत्संग के गंगा में जाय के नहाए ले और हृदय को पवित्र करने के लिए संसार में सत्संग में जाना पड़ता है संतों के वचन जब दिल में जाता है तो व्यक्ति का कल्याण होता है।
उन्होंने कविता के माध्यम से कहा कि”” सुधरी ना संत के सन्ग बिन ,करो लाख उपाय ।
मन बिगड़ा है जय गुरू बन्दे, नेकी गया भुलाय ।।
इन्होंने कहा कि सुख शांति संत के सत्संग से ही मिलता है सत्संग में संत की वाणी से ही जीवन में परिवर्तन होता है और मनुष्य श्री हरि के चरणों में मोक्ष पाता है तुलसीदास जी ने ठीक ही लिखा है,,,
बिनू सत्संग विवेक न होई ,
बिनू हरि कृपा सुलभ नहीं सोई ।।
सत्संग शुरू होने के पहले सिलहटा आश्रम के संत श्री रमेश दास जी महाराज ने भजन सुनाकर माहौल को भक्त मय बना दिया।
इस अवसर पर संत अनिल दास जी, मऊ जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष राकेशसिंह, अश्वनी सिंह, ऋषि मुनि कुशवाहा, डॉ सुरेश यादव, वेदव्यास यादव, डॉ राधा मोहन यादव, सुरेंद्र यादव, ललन सिंह ,विशाल सिंह ,विजयकांत सिंह, राम अवतार यादव ,शिव अवध,डाक्टर सुरेश राम, दीपक यादव, रामचंद्र यादव, राम बच्चन यादव, खेदन यादव ,डॉ लाल बहादुर यादव, जेपी यादव ,रामजी सिंह ,इनरमल सिंह, भीम यादव आदि भक्तगण उपस्थित रहे। सत्संग भजन समाप्त होने के बाद भंडारा का प्रसाद सभी भक्तगणों ने ग्रहण किया।