क्षेत्र में अवर्षण की स्थिति से धान उत्पादन किसानों में निराशा 


गाजीपुर: भांवरकोल क्षेत्र में मानसून कमजोर पड़ने से धान की रोपनी पिछड़ रही है। किसानों के नर्सरी रोपनी के लिए तैयार हो चुके हैं लेकिन मानसून की बारिश नहीं हो रही है। नेशनल हाईवे से उतर करईल इलाके में धान की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। लेकिन बर्षा के अभाव में खेतों की नमी सूख गई है। खेतों के नमी गायब होने से किसान चिंतिंत है। धानरोपनी के लिए तैयार कर बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को निराशा हाथ लग रही है। आसमान में उमड़ घुमड़ रहे काले बादल देख कर किसान बारिश की उम्मीद लगा रहे हैं लेकिन हवा के साथ बादल उड़ते चले जा रहे हैं। इससे बारिश की संभावना टलती जा रही है। माह के शुरू में क्षेत्र में हुई हल्की बारिश से खेतों में थोड़ी नमी आई थी। इसके बाद धान के नर्सरी में हरियाली आई। लेकिन फिर बारिश नहीं होने से खेतों की नमी फिर गायब हो गई है। कुछ सक्षम किसान अपने निजी पंपसेट से पटवन कर रोपनी कर रहे है। मानसून कमजोर पड़ने से किसान सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था कर धान की रोपनी की है। करीब पांच प्रतिशत किसान ही निजी पंपसेट से पटवन कर धान की रोपनी कर रहे है। धान की रोपनी कर पाना सभी किसानों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में अधिकांश किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे है। ज्ञात हो कि क्षेत्र के अधिकांश राजकीय नलकूप काफी वर्षों से बंद पड़े है। क्षेत्र की एक मात्र लिफ्ट कैनाल बीरपुर शो पीस बनी है। जिसका कोई पुरसाहाल नहीं है।ऐसे में धान उत्पादन किसान बर्षा की उम्मीद में आसमान की ओर टकटकी लगाए प्रकृति के भरोसे पड़े हैं।

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