अंतिम इच्छा अनुसार पैतृक जमीन पर शव नहीं हुआ दफन,ग्रामीणों ने किया विरोध,नरवा घाट पर हुआ अंतिम संस्कार 


गाजीपुर: सेवराई तहसील क्षेत्र के अठहठा गांव में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब गांव के ही एक दलित समाज के व्यक्ति के निधन के बाद उसके दाह संस्कार के लिए उसके परिवार के लोगों ने अपने ही जमीन में कब्र खोदना शुरू कर दिया। जिसको लेकर ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया। हंगामा की सूचना मिलने पर पहुंची रेवतीपुर पुलिस ने दोनों बच्चों को समझाने बुझाने में हलकान रही।

रेवतीपुर थाना क्षेत्र के अठहठा गांव निवासी अशोक राम की 55 वर्ष की आयु में लम्बी बीमारी के चलते गुरुवार को निधन हो गया। जिनकी केवल तीन पुत्रियां है। परिवारीजनों ने मृतक के अंतिम इच्छा अनुसार गांव स्थित अपने पैतृक जमीन में ही शव को दफन करने की योजना बनाई। जिसकी जानकारी होते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया लोगों ने इस पर कड़ा आपत्ति जताते हुए कहा कि मृतक का अंतिम संस्कार पुरानी व्यवस्था के अनुसार या तो दलित बस्ती के कब्रिस्तान में अथवा गहमर नरवा गंगा घाट पर होना चाहिए। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई ग्रामीणों का विरोध देखते हुए मृतक के परिजनों ने पुलिस को सूचना दे दी मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। वहीं मृतक के छोटे भाई अवधेश चंद एवं संजय कुमार ने बताया कि अभी पारिवारिक भूमि का बंटवारा कागजी तौर पर नहीं हुआ है सभी लोग व्यावहारिक रूप से खेती किसानी कर परिवार को चला रहे हैं ऐसे में पैतृक भूमि में दाह संस्कार करना उचित नहीं है। साथी अन्य ग्रामीणों ने बताया कि यहां पशुपालक अपने पशुओं को चराते हैं इसके साथ ही यहां आवागमन के रूप में भी इस मार्ग का प्रयोग किया जाता है ऐसे में यहां पर कब्र बनाना कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों का कड़ा विरोध होने पर पारिवारिक जनों ने मृतक का अंतिम संस्कार गहमर के नरवा गंगा घाट पर किया तब जाकर लोगों ने शांति बनाई।

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