तहसील तमकुहीराज में एस डी एम के खिलाफ अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन


तहसील तमकुहीराज में एस डी एम के खिलाफ अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन

अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार,एस डी एम ने बिना वकीलों के चलाई कोर्ट

लोक अधिकार ,तारकेश्वर शाही,
तमकुहीराज (कुशीनगर)। तहसील तमकुहीराज में उपजिलाधिकारी ऋषभ पुण्डीर और स्थानीय अधिवक्ताओं के बीच विवाद बढ़ गया है। तहसील वार संघ के अधिवक्ताओं ने एस डी एम की कार्यप्रणाली को हिटलर शाही करार देते हुए न्यायिक कार्य को बहिष्कार कर दिया है।
मामला शुक्रवार का है जब अधिवक्ता उमेश वर्मा एक फरियादी का समस्या लेकर एस डी एम के चेम्बर में गये थे ।
आरोप है कि एस डी एम ने न केवल उनका बात सुनने से इंकार कर दिया, बल्कि उन्हें अपमानित करते हुए भविष्य में नहीं आने की चेतावनी भी दी है। इस घटनाक्रम के बाद तहसील बार संघ की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी अधिवक्ताओं ने एस डी एम के व्यवहार की घोर निन्दा करते हुए बार संघ ने एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, उत्तर प्रदेश बार संघ, जिलाधिकारी कुशीनगर और जनपद के सभी न्यायालयो के बार संघों को लिखीत ज्ञापन भेजकर एस डी एम को हटाने की मांग की है।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि एस डी एम लगातार वकीलों के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं। विरोध के बावजूद भी एस डी एम ने अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति में भी न्यायालय की कार्यवाही जारी रखा और मुकदमों की सुनवाई की, जिससे वकीलों में रोष व्याप्त हैं।बार संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अमरनाथ सिंह ने कहा है कि एस डी एम की कार्यप्रणाली जनहित के लिए ठीक नहीं है, और न न्याय हित में ही। उन्होंने सरकार के मंशा के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यशैली के खिलाफ तहसील में जनाक्रोश रैली भी किया जाएगा। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी तमकुहीराज ऋषभ पुण्डीर से पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि एक अधिवक्ता उमेश वर्मा किसी फरियादी का दरखास्त लेकर आये हुए थे।जब मैंने पूछा कि क्या है, वकील साहब ने बताया कि नगर पंचायत में नक्सा पास कराना है।जब एस डी एम साहब ने पूछा कि आप इसके बारे में जानते हैं कि नगर पंचायत में नक्सा पास कौन कहता हैं तो वकील साहब ने बताया कि आप पास कर दिजिए। हमेशा से ऐसा ही होता है। और वकील साहब हंसने लगे जब एस डी एम ने कहा कि क्यों हंस पड़े तो वकील साहब कुछ नहीं बोले तो एस डी एम ने कहा कि बाहर जा कर हंसते रहो यह आदेश नहीं होगा,जिसका अधिकार है वही लोग करेंगे।
कोर्ट चलाने के बारे में जानकारी प्राप्त किया तो एस डी एम ने बताया कि इस महिने की अंतिम सप्ताह में कोर्ट नहीं चल पाया है। क्योंकि सोमवार को किसी अधिवक्ता की भाभी की मृत्यु हुई थी और मंगलवार को कभी कोर्ट नहीं चलता है पहले से निर्धारित समय है। और बुधवार को मौनी अमावस्या मेला रहा तथा बृहस्पतिवार को कुम्भ शोक व्यक्त किया गया था इस लिए आज कोर्ट करना पड़ा।

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