-वास्तविक प्रेम में वासना का कोई स्थान नही-अनुराग कृष्ण शास्त्री
-श्रीमद्भागवत कथा का छठवां दिन
कुशीनगर।
स्थानीय नगरपालिका परिषद के वार्ड न 15 वीर सावरकर नगर के निवासी मुख्य यजमान सेवानिवृत्त प्रवक्ता मधुसूदन मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी नगावली के निज निवास पर चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन उपस्थित श्रोतागणों को कथावाचक अनुराग कृष्ण शास्त्री ने रुक्मिणी,सत्यभामा,जामवंती आदि आठ रानियों के संग विवाह का वितारपूर्वक वर्णन किये। जिसे सुन श्रोतागण भावविभोर हो उठे।उन्होंने ने कहा कि जिसे वास्तविक प्रेम होता है उसके अंदर वासना का कोई स्थान नहीं होता है क्योंकि वह प्रेम की उच्चवस्था में अभिभूत हों जाता है। उन्होंने कहा कि जब आपको अपने इष्ट के प्रति वास्तविक प्रेम होता है तो आपको भगवत प्राप्ति के मार्ग को सुगम कर देता है। उन्होंने कंस वध,जरासंध से युद्ध एवं द्वारिका के नवनिर्माण का भी वितारपूर्वक वर्णन किया। मीरा के ठाकुरजी के प्रति अनन्य प्रेम भाव का भी बहुत ही मार्मिक वर्ण न किया।
इस दौरान पंडित दिनेश त्रिपाठी,ब्रदीनाथ पांडेय,अनुराग चौबे,मोहित पांडेय,सुशील मिश्र,सतीश मिश्र,आनन्द मिश्र,आशुतोष मिश्र,अनुपम मिश्र,हिमांशु मिश्र,आरिव मिश्र,अवधेस तिवारी,धनश्याम शुक्ला,सुभाष मिश्र,नरेंद्र नाथ त्रिपाठी,शम्भूनाथ मिश्र,रिशुल पांडेय,विराट पांडेय,अंजलि मिश्र,नम्रता मिश्र,डॉ रागिनी मिश्र,मोनिका,स्वाति,प्रियंका,अर्चना आदि उपस्थित रहे।


