कुशीनगर में क्या कोई नहीं है इनका हमदर्द या रहबर..?


– खुद के आशियाने को तड़प रहा बेबस, लाचार पीड़ित परिवार

विशेष संवाददात- मुं.सरफराज

पडरौना,कुशीनगर : जिले में पडरौना तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा सिधुआं स्थान के निवासी स्वर्गीय शहीद पुत्र अली हुसैन जो गांव के डी०-पट्टे की 2 डिसमिल जमीन पर रिहायसी झोपड़ी बनाकर काबिज़ तरीके से जीवन यापन करते थे, शहिद के जरिए एक पुत्र और एक पुत्री तैरुन निशा है जिसमें शहिद का पुत्र पूर्व में बहुत पहले ही लापता हो गया, जिसके लापता होने के बाद शहिद अपनी बेटी तैरुन निशा को अपने पास देखभाल व जीवन यापन के वास्ते रख लिए, शहिद के वृद्धावस्था आने के बाद अपनी बेटी तैरुन निशा की देखभाल व सहायता करने से खुश होकर शहिद अपने जीवन काल में ही रिहायसी झोपड़ी वाली 2 डिसमिल पट्टे की घरारी खेती संपूर्ण जमीन भूमिधरी तरीक़े से पंजीकृत वसीयत लिख दिए।

आपको बता दे की शहिद के गुजर जाने के बाद तैरुन अपने मायके और ससुराल आती जाती रहती थी, तैरुन के बीच में ससुराल रहने के दौरान बरसात आने की वजह से उसकी रिहायसी झोपड़ी गिर गई, हालांकि तैरुन निशा को पता चलते ही अपने ससुराल पहुंच झोपड़ी को मरम्मत कराने के दौरान पड़ोस में रहने वाले पड़ोसियों के द्वारा नाजायज विरोध करते हुए तैरुन के घरारी पर रिहायसी झोपड़ी नहीं रखने दे रहे हैं, जिससे पीड़िता दर-बदर अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को लेकर भटक रही है,और लोग-बाग रिश्तेदारों के घर रहने को मजबूर है,जबकि वहीं गांव के लोगों ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले लगभग 8 लोग महिला व पुरुष दबंगई के बल पर इस गरीब परिवार के रिहाइसी झोपड़ी को नहीं रखने दे रहे हैं, क्योंकि उपरोक्त 2 डिसमिल जमीन के चारों तरफ अपने-अपने घरों का दूषित जल और कूड़ा दबंगई के बल पर फेंकते हैं और अवैध तरीके से नाजायज कब्जा करना चाहते हैं, जबकि उपरोक्त 2 डिसमिल जमीन में कोई वाद-विवाद नहीं था, पीड़िता के लाचर व बेसहारा होने की वजह से वहां के नामजद कुछ मनबड किस्म के लोग पीड़िता को परेशान कर रहे हैं,और मारने-पीटने की धमकी देते हुए डरा धमका कर वहां से पीड़िता के आशियाने को उजाड़ कर भगाना चाहते हैं, हालांकि वही ग्रामीणों ने बताया कि वास्तव में शहीद अपने बेटी तैरुन निशा को रजिस्टर्ड पट्टे की 2 डिसमिल घरारी की जमीन पंजीकृत तरीके से वसीयत किए हैं और पहले वह यहां एक झोपड़ी में रहते थे, उनके गुजर जाने के बाद में उनकी बेटी लगभग तीन पीढ़ी से यहां रहती है, लेकिन इसके पड़ोस के रहने वाले कुछ लोग अपने गलत फायदे के लिए इसको यहां रहने नहीं दे रहे हैं और तैरुन के साथ अत्याचार कर परेशान कर रहे हैं। पीड़िता ने लिखित प्रार्थना पत्र में बताया कि थाना समाधान दिवस और चौकी थाने तहसील का चक्कर काटने के बाद हार थक कर जिले के आला अधिकारियों के पास इसकी सूचना 23 जुलाई को दी हूं। हालांकि वहीं इस पूरे मामले में पीड़िता तैरुन निशा ने संबंधित थाना,तहसील के अलावे डीएम व एसपी को लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना यह होगा कि क्या राजस्व विभाग के जिम्मेदार और सुरक्षा मुहैया कराने वाली मुकामी पुलिस कितना इस पीड़िता की मदद कर सकती है।

 

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