गन्ना सप्लाई को लेकर किसानों का आरोप, मिल प्रबंधन ने किया खंडन


मिल गेट के किसान मिल प्रबंधन पर लगा रहे है सौतेला व्यवहार का आरोप

 

कुशीनगर ।रामकोला चीनी मिल क्षेत्र के गेट पर गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों ने मिल प्रशासन पर सेंटर और गेट के किसानों के बीच सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मिल प्रशासन से अपना रवैया बदलते हुए सभी किसानों के साथ समान व्यवहार करने की मांग की है।

गेट पर गन्ना सप्लाई देने वाले किसानों का आरोप है कि उनके गन्ना सप्लाई का “दूसरे पक्ष” का नौवा कॉलम चल रहा है, जबकि सेंटर से गन्ना देने वाले किसानों का “तीसरे पक्ष” का आठवां कॉलम चलाया जा रहा है। इससे गेट के किसानों को पर्याप्त सप्लाई का अवसर नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने आशंका जताई है कि यदि मिल प्रशासन का यही रवैया रहा तो गन्ना कटान में देरी होगी, जिसका सीधा असर गेहूं की बुआई पर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि वे पेड़ी गन्ना गिराकर ही गेहूं की बुआई करते हैं, ऐसे में समय पर गन्ना सप्लाई न होने से खेती प्रभावित हो सकती है।

वहीं इस मामले में रामकोला चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों के आरोपों को निराधार बताया है। मिल प्रबंधन का कहना है कि सेंटर हो या गेट, सभी किसानों को समान रूप से गन्ना सप्लाई टिकट दिया जा रहा है। किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ छोटे सेंटरों पर रकबे के हिसाब से कॉलम की संख्या अधिक हो सकती है, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जब की सेंटर के कई किसानों के खाते को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि उनके खाते से तीसरे पक्ष के आठवें कॉलम की पर्ची निकल चुकी है।

फिलहाल किसानों और मिल प्रबंधन के बीच गन्ना सप्लाई को लेकर चल रही इस चर्चा से क्षेत्र के किसानों में चिंता का माहौल बना हुआ है।

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