संवाददाता – त्रिलोकी नाथ राय
लखनऊ : रेल मंत्रालय, भारत सरकार के सलाहकार सदस्य गोपाल राय कल, 26 नवंबर 2025 को, जम्मू-कश्मीर में निर्माणाधीन दुनिया के दो सबसे महत्वपूर्ण रेल पुलों – चिनाब ब्रिज और अंजी खाद ब्रिज – का विस्तृत निरीक्षण करेंगे। यह दौरा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के अंतिम चरण की प्रगति और सुरक्षा मानकों की समीक्षा के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
राय का यह निरीक्षण ऐसे समय में हो रहा है जब ये दोनों पुल इंजीनियरिंग के अद्भुत उदाहरण के रूप में वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं। चिनाब ब्रिज, जो नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, एफिल टॉवर से भी ऊंचा है, जबकि अंजी खाद ब्रिज देश का पहला केबल-स्टेयड रेल पुल है, जो दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र को जोड़ने में निर्णायक साबित होगा।
“आत्मनिर्भर भारत” का प्रतीक
निरीक्षण से पहले मीडिया से बात करते हुए, गोपाल राय ने बुनियादी ढांचे के विकास और इंजीनियरिंग चमत्कारों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सराहना की।राय ने कहा, “यह सिर्फ पुल नहीं हैं, बल्कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की क्षमता और हमारे इंजीनियरों के दृढ़ संकल्प का जीवंत प्रमाण हैं। चिनाब और अंजी खाद ब्रिज जैसी परियोजनाएं दर्शाती हैं कि भारत दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों में भी असाधारण निर्माण कार्य करने में सक्षम है।”उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार की दूरदर्शी योजना के कारण ही यह परियोजना रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ पाई है, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आर्थिक विकास और आसान कनेक्टिविटी का नया मार्ग खुलेगा।
सुरक्षा और समय पर काम पर ज़ोर
सदस्य राय निरीक्षण के दौरान पुलों की संरचनात्मक अखंडता, गुणवत्ता नियंत्रण और सुरक्षा प्रोटोकॉल का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेंगे। वे परियोजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों, इंजीनियरों और निर्माण दल के सदस्यों के साथ बैठकें करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजना समय पर पूरी हो और परिचालन के लिए सुरक्षित हो।
यह USBRL परियोजना कश्मीर घाटी को शेष भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखती है, और चिनाब तथा अंजी खाद इसके सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हिस्से हैं।गोपल राय ने कहा कि निरीक्षण का यह दायित्व उनके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन यात्रा से उन्हें भारतीय रेल की उन्नत परियोजनाओं को समझने का महत्त्वपूर्ण अवसर मिलेगा। साथ ही, उत्तर प्रदेश के रेल यात्रियों की समस्याओं और सुझावों को वे वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकेंगे।
निरीक्षण यात्रा के दौरान रेलवे अधिकारी प्रतिभागियों को दोनों पुलों की भूकंपीय सुरक्षा, वायु-दाब सहन क्षमता, संरचनात्मक मजबूती, निर्माण प्रक्रिया तथा रखरखाव प्रणाली से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।गोपल राय ने कहा कि निरीक्षण से प्राप्त अनुभवों को वे उत्तर प्रदेश के यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ, सुरक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ उपलब्ध कराने के सुझावों में शामिल कर, उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करेंगे।
