“जाँच के लिए अब वाराणसी जाने की ज़रूरत नहीं, पावर ग्रिड ने CSR के तहत दी हाई-टेक स्वास्थ्य सुविधा”
गाज़ीपुर। गाज़ीपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र में आज एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अध्याय जुड़ गया मेडिकल कॉलेज गाज़ीपुर में गुरुवार को अत्याधुनिक एमआरआई मशीन का विधिवत उद्घाटन किया गया, जिससे अब गंभीर जांचों के लिए मरीजों को दूर-दराज के शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।यह आधुनिक सुविधा पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी योजना के तहत प्रदान की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, एमआरआई मशीन की स्थापना पर लगभग 12 करोड़ की लागत आई है। इसके साथ ही, खून की जांच के लिए अन्य आधुनिक मशीनें भी लगाई गईं, जिससे इस संपूर्ण परियोजना की कुल लागत ₹15.45 करोड़ तक पहुँच गई है।
अधिकारियों ने संयुक्त रूप से किया उद्घाटन
वाराणसी से आए पावर ग्रिड के वरिष्ठ अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर रिबन काटकर इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा को गाज़ीपुर की जनता को समर्पित किया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. आनंद मिश्र, उप प्रधानाचार्य डॉ. नीरज पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह, और चिकित्सक-स्टाफ मौजूद रहे।
सामाजिक दायित्व का निर्वहन
पावर ग्रिड के कार्यकारी निदेशक योगेश कुमार दीक्षित ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पावर ग्रिड समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था के महत्व को अच्छी तरह समझता है और अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाता है। हमें गर्व है कि हम गाज़ीपुर की जनता को अत्याधुनिक एमआरआई सुविधा उपलब्ध कराने में सहयोग कर सके। अब लोगों को जांच के लिए दूर-दराज़ नहीं जाना पड़ेगा।
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. आनंद मिश्र ने इस उपलब्धि को बड़ी राहत बताया उन्होंने कहा, “वर्षों से हम इस मशीन की मांग कर रहे थे। एमआरआई मशीन न होने के कारण मरीजों को वाराणसी सहित अन्य जिलों में जाना पड़ता था, जिससे उन्हें भारी कठिनाइयाँ आती थीं। यह सुविधा गाज़ीपुर की स्वास्थ्य सेवाओं में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने पावर ग्रिड के सभी अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
एमआरआई मशीन लग जाने से अब जिले के मरीज़ों को मेडिकल कॉलेज में ही पारदर्शी दरों पर सभी आवश्यक जांचें उपलब्ध होंगी, जिससे उन्हें समय और धन दोनों की बचत होगी। गाज़ीपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र में यह कदम बेहतर उपचार व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है।
