सादात/गाजीपुर: बहरियाबाद थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह एक ट्रक की चपेट में आने से कक्षा छह की छात्रा श्रेया चौहान (12 वर्ष) की मौत हो गई। यह घटना सुभाष विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बहरियाबाद के पास हुई, जब छात्रा साइकिल से इसी विद्यालय में पढ़ने आ रही थी। श्रेया नादेपुर निवासी चंद्रकेश चौहान की इकलौती पुत्री थी। हादसे की जानकारी होते ही विद्यालय के छात्र-छात्रा आक्रोशित हो गए और शिक्षकों के साथ विद्यालय के सामने सड़क जाम कर दिए। सुबह 9:10 बजे शुरू हुआ यह जाम करीब ढाई घंटे तक चला। जखनियां के उपजिलाधिकारी अतुल कुमार के आश्वासन के बाद सुबह 11:40 बजे जाम समाप्त हुआ। एसडीएम ने परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा और आवास दिलाने के साथ ही विद्यालय के सामने स्पीड ब्रेकर बनवाने और सीसी टीवी कैमरे लगवाने तथा छुट्टी के समय पुलिस निगरानी की व्यवस्था का भरोसा दिया। इसके बाद छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन समाप्त हुआ। उधर विद्यालय से कुछ दूरी पर बहरियाबाद पानी टंकी तिराहा के पास बैठे परिजनों ने ग्रामीणों संग फिर से सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी लोग डीएम और एसपी को घटनास्थल पर बुलाने की मांग करते हुए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, दस लाख रुपये मुआवजा और जमीन का आवंटन करने की मांग कर रहे थे। एसडीएम अतुल कुमार और सैदपुर सीओ रामकृष्ण के काफी समझाने बुझाने के बाद करीब सवा घंटे चला यह प्रदर्शन दोपहर पौने एक बजे समाप्त हुआ। अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। धरना प्रदर्शन में नवीन चौहान, शिवपूजन चौहान, शैलेश चौहान, रविन्द्र चौहान, आशीष सोनकर, जितेन्द्र, हंसराज, अजय भारती, शशि चौहान, दिनेश चौहान रहे। धरना प्रदर्शन को देखते हुए बहरियाबाद के साथ ही सैदपुर, खानपुर, सादात थाने की पुलिस मौजूद रही।
बहरियाबाद थानाध्यक्ष कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृत छात्रा के पिता चंद्रकेश उर्फ चंदू चौहान की तहरीर पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
रोते बिलखते छात्रा के परिजन
घटना के बाद मृत छात्रा की मां सुनीता देवी और विद्यालय की अन्य छात्राएं काफी दुखी थीं। अनुष्का कन्नौजिया, सोनम कुशवाहा और पूजा सहित कई छात्राएं तो रोते रोते बेहोश हो गई। एसवीएम इंटर कॉलेज बहरियाबाद के प्रबंधक अजय सहाय और प्रधानाचार्य राम प्रकाश राम ने शिक्षकों व छात्रों के साथ शोक सभा आयोजित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद विद्यालय बंद कर दिया गया।

