गाजीपुर: जनपद के ब्लॉक सादात में स्थित बुढ़नपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश्वर दयाल ने विद्यालय की स्थिति में सुधार लाने और बच्चों के नामांकन में वृद्धि करने के लिए अनोखा प्रयास किया है। इस विद्यालय के आसपास कई प्राइवेट विद्यालय हैं ।जो तरह-तरह की सुविधाएं और प्रलोभन देते हैं, लेकिन प्रधानाध्यापक ने अपने प्रयासों से सरकारी विद्यालय को भी आकर्षक बना दिया है।
घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास
प्रधानाध्यापक ने बताया कि वह और उनकी टीम घर-घर जाकर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं। वह बच्चों को न केवल पढ़ाई में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें नैतिकता और अच्छे विचार भी प्रदान करते हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि उन्हें वेतन मिलता है बच्चों को पढ़ाने के लिए और वह अपने स्तर से बेहतर प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें।
ग्रामीणों की सराहना
ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक के प्रयासों की सराहना की है। उनका कहना है कि प्रधानाध्यापक हर बच्चे को अपना समझते हैं और उनके लिए पूरी मेहनत करते हैं। प्रधानाध्यापक के प्रयासों से विद्यालय में बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है और विद्यालय की स्थिति में भी सुधार आया है।
प्राइवेट विद्यालयों के बीच सरकारी विद्यालय की अलग पहचान
बुढ़नपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने अपने प्रयासों से सरकारी विद्यालय को प्राइवेट विद्यालयों के बीच अलग पहचान दिलाई है। उनकी मेहनत और समर्पण का ही परिणाम है कि विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ रही है और विद्यालय की स्थिति में अच्छा सुधार आ रहा है।अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणा
बुढ़नपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के प्रयासों से अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणा लेनी चाहिए है। उनकी कहानी उन सभी शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिए एक उदाहरण है जो अपने विद्यालय की स्थिति में सुधार लाना चाहते हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं। नामांकन में कमी निजी विद्यालय को बताते हैं दोषी
कुछ ऐसे भी परिषदीय विद्यालय हैं ,जो अन्य विद्यालयों पर मर्ज होने की स्थिति में है जहां पर बच्चों के नामांकन में कमी है । वहां के अध्यापक प्राइवेट विद्यालयों को दोषी बताते हैं। ऐसे में प्राथमिक विद्यालय बुढ़नपुर से सीखने की जरूरत है।