शेरपुर सेमरा में कटानरोधी 15.80 करोड़ की बोल्डर पिचिंग का काम अधूरा, गंगा कटान से सैकड़ों लोग प्रभावित


गाज़ीपुर: शेरपुर सेमरा । पिछले कई दशकों से बाढ़ , कटान और विस्थापन का दंश झेल रहे शेरपुर और सेमरा के ग्रामवासियों को अब भी राहत नही है।

जब जब गंगा का जल स्तर बढ़ता है ग्रामवासियों की सांसे फूलने लगती हैं।

कटान को रोकने के लिए विगत वर्षों में 15.80 करोड़ धनराशि स्वीकृत हुई थी , बोल्डर पिचिंग का काम चल भी रहा है किन्तु अब तक पूर्ण न होने से परेशानी अभी भी बनी हुई हैं।

सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए 15 करोड़ 80 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। जलालपुर में 400 मीटर लंबाई में निर्माण और मरम्मत के लिए 10.31 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। छानबे मौजा से सेमरा तक के कार्य के लिए 3.49 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

जलालपुर में कार्य अंतिम चरण में है। हालांकि, छानबे और सेमरा के बीच का लगभग 300 मीटर का कार्य अभी अधूरा है। वित्तीय स्वीकृति में देरी के कारण यह काम केवल आधा ही पूरा हो पाया है। कार्य पूरा न होने से क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल बना बना हुआ है ।

पिछले कुछ वर्षो में हजारों बीघा कृषि जमीन गंगा मे समाहित हो चुकी है। इससे सैकड़़ों लोगोंको अपना घर तक छोड़ना पड़ा है। विगत वर्षो में सेमरा गाँव का ही एक भाग (शिव राय का पूरा) पूर्ण रूप से गंगा में विलीन हो चुका है। और वे अन्यत्र शरण लेने को मजबूर हैं।

विस्थापितों के अनुसार

विस्थापन का दंश झेल रहे सेमरा के ग्रामीणों को सरकार द्वारा जहाँ जमीन उपलब्ध कराया गया उस जगह पर गंगा का जल स्तर बढ़ते ही पुनः विस्थापन का खतरा मडराने लगता है।

इस बात को लेकर विस्थापित ग्रामीणों मे बहुत रोष है किन्तु उनकी सुधि लेने वाला कोई नही है।

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