गाजीपुर: गाजीपुर के सदर ब्लाक के अगस्ता सलामतपुर गाँव में संचालित निजी विद्यालय जय माँ अन्नपूर्णा प्राथमिक विद्यालय के सम्बन्ध में आरटीआई द्वारा सूचना मांगने पर बड़ा घपला सामने आया है, बीते वर्ष जुलाई में खंड शिक्षा अधिकारी सदर द्वारा जो सुचना प्रेषित की गयी उसमे विद्यालय निर्माण दस विश्वा क्षेत्रफल में तथा विद्यालय परिसर में 1000 वर्ग मीटर क्रीडा भूमि अनिवार्य रूप से बताया गया, मामले को दबाने के लिए प्रबंधक के द्वारा आनन फानन में प्रथम तल पर निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया किन्तु आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा तत्कालीन जिलाधिकारी को लिखित रूप से शिकायत करने के पर अग्रिम आदेश तक निर्माण कार्य रुकवा दिया गया, प्रकरण की शिकायत मुख्यमत्री जन सुनवाई पोर्टल पर करने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी सदर आलोक कुमार के द्वारा जाँच शुरू की गयी, पहले तो खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय प्रबंधक से सम्बंधित दस्तावेज मांगे गए किन्तु प्रबंधक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये एवं मामले का निस्तारण कर दिया गया | आरटीआई कार्यकर्ता दवारा दोबारा शिकायत की गयी तो खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा 2 सितम्बर 2024 को पत्र जारी कर आदेशित किया गया की यदि प्रबंधक प्रकरण से सम्बन्धीत साक्ष्य तत्काल प्रस्तुत नहीं करते है तो विद्यालय की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी एवं पत्र उच्चधिकारियो को प्रेषित कर दिया जायेगा|
चुकी खंड शिक्षा अधिकारी ही जन सुचना अधिकारी है अतः इनके द्वारा उक्त मामले में लीपापोती शुरू कर दी गयी दोबारा शिकायत करने पर खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा जो आख्या प्रेषित की गयी वह आख्या रिपोर्ट आरटीआई सूचना से मेल खाने लगी आख्या में जाँच अधिकारी दवरा 9 कमरे दर्शा दिए गये तथा विद्यालय परिसर में खेल का मैदान भी दर्शा दिया गया तथा यह भी आख्या प्रेषित की गयी की विद्यालय को 2005 से लेकर 2024 तक कुल 15 लाख की निधि प्रदान की गयी और साक्ष्य के रूप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रदत्त विद्यालय की मान्यता से सम्बंधित दस्तावेज प्रेषित कर दिया विद्यालय मान्यता से सम्बंधित दस्ताबेज में बहुत बड़ा घपला सामने आया, दस्तावेज के बिंदु 2 में यह स्पस्ट रूप से से लिखा था की क्रीडा स्थल हेतु ½ एकड़ भूमि होनी अनिवार्य है तथा बिंदु 13 में यह लिखा है की यदि किसी भी साक्ष्य को छिपाकर यह मान्यता ली गयी होगी तो बाद में पता चलने या जाँच करने पर मान्यता निरस्त कर दी जाएगी, शिकायतकर्ता द्वारा पुनः ½ एकड़ भूमि से सम्बंधित शिकायत की गयी तो खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा यह आख्या प्रेषित की गयी की प्रकरण का निस्तारण मेरे द्वारा गुणवत्ता पूर्वक कर दी गयी है और फसने के डर से शिकायतकर्ता पर ही आरोप लगा दिया गया की शिकायत द्वेष वश की गयी है तथा अपने आप को प्रकरण से पृथक करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र प्रेषित कर दिया गया की मामले की जाँच कमेटी गठित कर की जाए, इधर आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा राजस्व विभाग से सम्बंधित सुचना मांग ली गयी थी जिसमे यह सुचना प्राप्त हुई ही न तो विद्यालय का निर्माण 10 विश्वा क्षेत्रफल में है और न ही विद्यालय परिसर में 1000 वर्ग मीटर में खेल का मैदान है, सुचना में यह प्राप्त हुआ ही की अराजी नंबर 924ट रकबा 0.041 हेक्टयर में हुआ है जिसमे तीन हिस्सेदार है तथा विद्यालय के नाम मात्र 0.0082 हेक्टेयर भूमि है |
अब सवाल यह की इतनी कम भूमि में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा यह आख्या क्यों प्रेषित की गयी की विद्यालय परिसर में ही खेल का मैदान पाया गया एवं खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से विद्यालय प्रबंधक का बचाव क्यों किया जा रहा है ?
शेष रिपोर्ट अगले भाग में ..