♦भूदेव समाज के समग्र उत्कर्ष के लिए समर्पित एक युवा- डॉ दिवाकर राय, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री♦
♦समाज के गरीब लड़कों को अच्छी शिक्षा एवं गरीब परिवार की बच्चियों के विवाह में आर्थिक सहयोग ही जीवन का उद्देश्य♦
संवाददाता – त्रिलोकी नाथ राय
आजमगढ़। डॉ दिवाकर का नाम अब किसी भी जिले में पहचान का मुहताज नहीं रहा। भूमिहार ब्राह्मण कुल में जन्म लिए कश्यप गोत्रीय दिवाकर राय आज़मगढ़ के एक छोटे से गांव कटाई अलीमुद्दीन पुर पोस्ट सगड़ी थाना जियनपुर में पैदा हुए।गांव के हालात सही न होने की वजह से प्रयागराज में रह कर पढ़ाई किया और बाद में डॉक्टर की डिग्री लेकर लोगों की सेवा करते रहे।
सामाजिक जीवन का और अपनी विरादरी का प्रेम इतना था कि इन्होने भूमिहार ब्राह्मण बिरादरी का सबसे बड़े संगठन ब्रह्मर्षि वेलफेयर एसोसिएशन को ज्वाइन किया।
और एसोसिएशन के माध्यम से इन्होने अपने मूल जनपद आज़मगढ़ से एक छोटी सी जिला इकाई के साथ काम करना प्रारम्भ किया लोगों के सुख दुःख में शामिल होने लगें।
जिस नाम को आज़मगढ़ में कोई नहीं जानता था एसोसिएशन के साथ साथ डॉ दिवाकर राय का नाम अब भूमिहार विरादरी में बढ़े सम्मान के साथ लिया जाने लगा है ।
एसोसिएशन के माध्यम से डॉक्टर साहब नें सैकड़ो लोगों को रक्तदान करवाया और जरूरत मंदो को रक्त दिलवाया । जिस गरीब और जरूरत मंद नें अगर एसोसिएशन में आवाज लगाया तो डॉक्टर साहब सबसे पहलें आगे आ कर एक नई मुहीम चला कर ब्राह्मर्षि वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले सभी की मदद करवाने के लिए भूमिहार ब्राह्मण साथियो के साथ मिल कर पीड़ित के खातों में लाखो लाख की मदद करवाने का कार्य किया।
भूमिहार जो कि एक बहुत बुद्धिजीवी बिरादरी है उसको संगठित करने का बीड़ा एसोसिएशन के साथ अपने कंधो पर लिया है डॉक्टर साहब कहते है कि “ज़ब तक जोडूँगा नहीं तब छोडूंगा नहीं”।
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री होने के बाद
पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभार अपने हाथों में लेकर एक छोऱ से दूसरे छोर तक को संगठित करने का चिंतन करते रहते है ।
डॉ साहब का कहना है की जो भी सबसे निचले पायदान पर जिसके पास कोई मदद नहीं पहुंच पा रहीं है उसके पास तक ब्रह्मर्षि वेलफेयर एसोसिएशन पहुंचेगा। पहले अपने स्वजातीय लोगों को जोड़ने के बाद एसोसिएशन के द्वारा मानव कल्याण प्रकोष्ठ के माध्यम से हर विरादरी की मदद करना ही एसोसिएशन का लक्ष्य रहेगा।
भूमिहार हर स्थान पर आगे रहे डॉ साहब की यही सोच है । बहुत सारे विरोध होने के बावजूद भी डॉ साहब अपने मूल्यवान समय में से समय निकाल कर अपने गृह जनपद और उसके अलावा और भी जनपद के विरादरी के बारे में चिंतन करते रहते है और जहाँ भी जरूरत पडती है वहां सशरीर मौजूद रहते है।
शिक्षा चिकित्सा पर डॉ साहब का बहुत ज्यादा फोकस रहता है इसके लिए डॉ साहब नें एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव श्री जीतेन्द्र राय जी के साथ मिलकर एक ब्रह्मर्षि कोचिंग के लिए भी कार्य करने की तैयारी कर लिया है।
एसोसिएशन को उम्मीद है की डॉ दिवाकर राय और महासचिव जीतेन्द्र राय बबलू जी की जोड़ी अपने भूमिहार समाज के लिए और साथ साथ अन्य विरादरी को भी लाभ पहुंचाने के लिए ये कार्यक्रम बहुत ही जल्द पूरा करेंगे।
उनका कहना है कि अगर समाज नें साथ दिया तो एसोसिएशन एक मुहीम और भी चलाएगा गरीब बच्चियों के विवाह के लिए जिसका नाम होगा
“ब्रह्मर्षि वेलफेयर एसोसिएशन कन्या विवाह कार्यक्रम” जिसमे एसोसिएशन चाहेगा की समाज के प्रतिष्ठित लोगों की मदद लेकर गरीब बच्चियों का विवाह निःशुल्क कराया जाये। इस विंदु पर आगमी विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि समाज के हर उस व्यक्ति के साथ ब्रह्मर्षि वेलफेयर एसोसिएशन खड़ा है जिसकी मदद कोई नहीं कर पा रहा है।राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश राय ने स्पष्ट शब्दों मे डॉ दिवाकर, दुर्गेश राय, और अखिलेश राय को संगठन की त्रिवेणी कहते है। जीतेन्द्र राय राष्ट्रीय महासचिव का उद्घोष है कि इस संगठन में चित्र नहीं चरित्र की पूजा होती है. यहां व्यक्ति नहीं विचार की पूजा होती है। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सारे पदाधिकारियों एवं सदस्यों को इस माला की महत्वपूर्ण मनका मानते है. हर व्यक्ति समाज के उत्थान के लिए समर्पित है।
उक्त बातें समाचार पत्र को दिए अपने साक्षात्कार में टेलीफोनिक वार्तालाप के दौरान डॉक्टर दिवाकर राय ने कही।
