अवध में राम के बाद बिरज में कान्हा की तैयारी गाने की मच रही धूम


 

 

कृष्ण जन्माष्टमी पर ‘अवध में राम आये हैं, बिरज में कान्हा की तैयारी’ गीत हुआ वायरल

जन्माष्टमी 2025: ‘’बिरज में कान्हा की तैयारी’’…म्यूजिक वीडियो को मिल रहा है लोगों का खूब प्यार

संजय दुबे 

जन्माष्टमी की तैयारियां जोरो पर हैं। मंदिरों को सजा दिया गया है। बाजार और मेले भी सज चुके हैं। इस मौके पर श्रीकृष्ण भजन भी खूब सुने जा रहे हैं।

ऐसे में हिंदी-भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गीतकार मनोज भावुक के गीत ‘अवध में राम आये हैं, बिरज में कान्हा की तैयारी’ का म्यूजिक वीडियो श्रोताओं का दिल जीत रहा है। इसे भोजपुरी आईटी सेल नाम के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। इस गाने को सुरभि कश्यप, कुणाल मिश्रा और साकेत सुमन ने अपनी आवाज दी है और इसे गायकों समेत निर्माता शैलेन्द्र द्विवेदी पर फिल्माया गया है। गाने का म्यूजिक मोहित म्यूजिक और साकेत सुमन ने तैयार किया है। कॉन्सेप्ट है आस्था द्विवेदी का और इसके डायरेक्टर हैं दिग्विजय सिंह।

इस गीत को लेकर मनोज भावुक ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है – ” राम-कृष्ण हमारे नायक हैं, महानायक हैं। हमारी धड़कनों में हैं, हमारी लय में हैं। उन्हें भूलने से, उन्हें छोड़ने से हम बेसुरा हो रहे हैं, बीमार हो रहे हैं। उन्हें सुनकर, उन्हें गुनकर, उन्हें पढ़कर, उन्हें गाकर, उन्हें भजकर, उन्हें यादकर हम सुख, शांति और आनंद को प्राप्त कर सकते हैं। मेरे मन में राम चले, कृष्ण की बाँसुरी बजी तो अनेक रचनाएं हुईं। उन्हीं अनेक में से एक को भोजपुरी आईटी और इसके प्रमुख शैलेंद्र द्विवेदी जी ने अपनी कमाल की प्रस्तुति से सजाया-सँवारा है और कृष्ण-जन्माष्टमी के अवसर पर आपको समर्पित किया है। सुनिये-सुनाइये और राम-कृष्ण को मन में बसाइये। अंतिम आदमी तक यह गीत पहुँचना चाहिए। राम-कृष्ण सबके हैं।‘’

 

भोजपुरी आईटी सेल भोजपुरी में साफ-सुथरा कंटेंट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके संचालक शैलेन्द्र द्विवेदी सिंगापुर में सॉफ्टवेयर इंजिनियर है। वहीं गीतकार मनोज भावुक अफ्रीका और यूरोप में एक दशक तक इंजिनियर के रूप में सेवा देने के बाद भोजपुरी के लिए समर्पित भाव से लगे हुए हैं।

अनेक पुस्तकों के प्रणेता और फिल्म गीतकार मनोज भावुक कहते हैं कि इंटरटेनमेंट के लिए बच्चे भले सलमान-शाहरुख़ को देखें लेकिन हमारे असली नायक राम और कृष्ण हैं। हर बच्चे को उन्हें ठीक से जानना और जीवन में उतारना चाहिए। राम और कृष्ण का जीवन, मानव जीवन की सभी समस्याओं का समाधान है. यह गीत कृष्ण जन्माष्टमी पर दर्शकों को एक अनुपम भेंट है।

 

गीत
© मनोज भावुक

रामजी के चिरई, रामजी के खेत
खा ल चिरई, भर-भर पेट

( जय कन्हैया लाल की, मदना गोपाल की )

दो युगों के महापुरुषों के मिलने की है बारी
अवध में राम आये हैं, बिरज में कान्हा की तैयारी

 

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे

 

हे नन्दलाल तुम आओ
कंसों को सबक सिखाओ
हे मुरलीधर आ जाओ
अंतर राग जगाओ
आ जाओ जग के खेवइया
आ जाओ पार लगाओ
हे कृष्ण कन्हैया आओ
गीता का पाठ पढ़ाओ

राम-कृष्ण के मंतर से ही दुखवा होगा मटियामेट
रामजी के चिरई, रामजी के खेत
खा ल चिरई, भर-भर पेट

( जय कन्हैया लाल की, मदना गोपाल की )

 

यह राम-कृष्ण की धरती
यहां राम-कृष्ण गूँजेगें
हर साँस में रामा-कृष्णा
हर साज पे यही बजेगें
शकुनी की शामत है अब
रावण भी नहीं बचेगा
हर बच्चा राम बनेगा
हर बच्चा कृष्ण बनेगा

राम-कृष्ण के आदर्शों से जीवन हो जाएगा सेट

रामजी के चिरई, रामजी के खेत
खा ल चिरई, भर-भर पेट )

(जय कन्हैया लाल की, मदना गोपाल की)

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