“खाकी पर दाग! चौकी इंचार्ज पर 10 हजार घूस मांगने का आरोप, महिला सिपाही और नेताइन ने भी लिए पैसे,थानाध्यक्ष के हस्तक्षेप से वापस मिले पैसे”
खानपुर (गाजीपुर)। रिश्तों को शर्मसार करने और खाकी पर सवाल खड़े करने वाला एक मामला खानपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहाँ दहेज की मांग पूरी न होने पर एक नशेड़ी पति ने ससुराल पहुंचकर अपनी पत्नी को खौलती सब्जी फेंककर जला दिया। वहीं, जब दर्द से कराहती पीड़िता न्याय के लिए पुलिस चौकी पहुंची, तो वहां भी उसे ‘रिश्वत’ के दर्द से गुजरना पड़ा। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने कार्रवाई के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग की, जबकि एक महिला सिपाही और एक अन्य महिला नेताइन ने भी उससे पैसे ऐंठ लिए।
दहेज के लिए हैवान बना पति
जानकारी के मुताबिक, खानपुर थाना क्षेत्र के अमेहता वनवासी बस्ती निवासी पीड़िता सोना की शादी चार वर्ष पूर्व जनपद गाजीपुर के रामपुर मांझा थाना क्षेत्र के नारीपंचदेवरा गांव निवासी मनोज वनवासी पुत्र सुरेंद्र वनवासी के साथ हुई थी। सोमवार की देर शाम मनोज शराब के नशे में धुत होकर अपने ससुराल अमेहता पहुंचा। वहां उसने दहेज के रूप में और पैसों की मांग करते हुए पत्नी के साथ मारपीट शुरू कर दी। जब पीड़िता के पिता और अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया, तो आरोपी ने पत्नी को जान से मारने की नीयत से उस पर खौलती हुई सब्जी फेंक दी, जिससे वह बुरी तरह झुलस गई।
सीमा विवाद में उलझा रही पुलिस
घटना के बाद झुलसी हुई पीड़िता शिकायत लेकर स्थानीय सिधौना पुलिस चौकी पहुंची। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मानवीयता दिखाने के बजाय सीमा विवाद का हवाला देते हुए उसे रामपुर मांझा थाने भेज दिया। रामपुर मांझा पुलिस ने घटना स्थल खानपुर बताकर उसे वापस भेज दिया। घायल महिला दो दिनों तक न्याय के लिए भटकती रही।
थानाध्यक्ष ने दिखाई संवेदनशीलता, दर्ज हुआ मुकदमा
बुधवार की सुबह जब पीड़िता खानपुर थाने पहुंची और थानाध्यक्ष राजीव पांडेय से अपनी आपबीती बताई, तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करने और कार्रवाई के निर्देश दिए।
सिपाही और नेताइन ने नोचे पैसे, दरोगा ने मांगा ‘रेट’
मेडिकल करवाकर लौटी पीड़िता ने जो खुलासा किया, उसने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि:
♦चौकी इंचार्ज सिधौना ने कहा कि “अगर मुकदमा आगे बढ़वाना है तो 10 हजार रुपये लगेंगे, वरना कार्रवाई नहीं होगी।”
♦थाने पर मौजूद एक महिला सिपाही ने उससे 500 रुपये ले लिए।
♦वहां मौजूद एक अन्य महिला जिसे नेताइन कहा जा रहा था ने 900 रुपये ले लिए।
थानाध्यक्ष की फटकार के बाद वापस मिले पैसे
इन आरोपों की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष राजीव पांडेय ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने तत्काल उस महिला नेता को बुलवाकर पीड़िता के 900 रुपये वापस दिलवाए। साथ ही पीड़िता को आश्वस्त किया कि उसे न्याय के लिए किसी को एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं है। थानाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि मामले में बिना किसी दबाव और लालच के उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
