लोक अधिकार
कुशीनगर। एक तरफ सरकार भयमुक्त समाज की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। मामला कसया थाना क्षेत्र के कुशीनगर पुलिस चौकी का है, जहां खाकी का खौफ आम जनता पर टूट पड़ा। जानकारी के मुताबिक, नगरपालिका वार्ड नंबर-6 बाबा साहब आप्टे नगर निवासी योगेन्द्र कुशवाहा और उनके बेटे को जमीनी विवाद में चौकी पर बुलाया गया था। दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया और मामला सुलझ भी गया। लेकिन
आश्चर्य की बात यह है कि सुलह के बावजूद चौकी इंचार्ज गौरव शुक्ला के इशारे पर तैनात कांस्टेबलों ने पिता-पुत्र को चौकी के कमरे में बंद कर दिया और पट्टे से इतनी बेरहमी से पीटा कि युवक बेहोश हो गया। गंभीर चोट लगने के बावजूद पीड़ित पर 151 की कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया। सवाल यह है कि जब विवाद सुलझ चुका था, तो यह पुलिसिया तांडव क्यों? इस घटना को लेकर नगरवासियों में भारी आक्रोश है और लोग पुलिस चौकी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।