घोसी,मऊ। घोसी कस्बे में शनिवार को कोर्ट के आदेश पर एक महिला का शव 135 दिन बाद कब्र से बाहर निकाला गया। यह कार्यवाही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह की अदालत के आदेश पर दोपहर 1:24 बजे शुरू हुई जो करीब 26 मिनट तक चली। लगभग 1:50 बजे कब्र से शव को बाहर निकाला गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद महिला की मौत के कारणों पर से पर्दा उठ सकेगा। इस दौरान कब्र स्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी वहीं बड़ी संख्या में लोग भी वहां जमा रहे। घोसी कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले की निवासी 19 वर्षीय युवती ने फरवरी महीने में अपने जीजा अय्यूब के खिलाफ दुष्कर्म और अपनी बड़ी बहन नाजिया खातून की हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। युवती का आरोप है कि अय्यूब ने उसके साथ दुष्कर्म कर आपत्तिजनक वीडियो बना लिया और जबरन निकाह करने का दबाव बनाते हुए जान से मारने की धमकी दी। जब उसकी बड़ी बहन ने इसका विरोध किया तो आरोपी और उसके परिजनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को चुपके से काजीपुरा कब्रिस्तान में दफना दिया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि कोतवाली पुलिस ने उसकी तहरीर देने के लगभग दस दिन बाद मुकदमा दर्ज किया। हालांकि अब पुलिस ने आरोपी जीजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह पूरा मामला 30 नवंबर का है जब पीड़िता अपनी बहन की तबीयत खराब होने पर उसके घर गई थी।
पीड़िता ने अदालत में आरोप लगाया कि विवेचक ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही हत्या जैसी गंभीर धारा को केस से विलोपित कर दिया। इस पर पीड़िता की ओर से अधिवक्ता संजीव सिंह ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। अदालत ने 13 अप्रैल को महिला का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराने और पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी कर जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया। इसी आदेश के क्रम में शनिवार को यह कार्रवाई की गई। नायब तहसीलदार अमरनाथ यादव की उपस्थिति में पुलिस, राजस्व कर्मी और पीड़िता के परिजन मौके पर मौजूद रहे। पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर मामले में लापरवाही और हीलाहवाली के आरोप भी लगाए हैं। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह तय होगा कि महिला की मौत सामान्य थी या इसके पीछे कोई साजिश थी।
कोर्ट के आदेश पर 135 दिन बाद कब्र से निकाला गया महिला का शव, दुष्कर्म और हत्या के मामले में जांच तेज
