मिर्जापुर: श्री परम हंस स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी महाराज के पावन धाम श्री परम हंस आश्रम, शक्तेशगढ़, चुनार (मिर्जापुर) में रविवार को प्रचारक बंधुओं की भव्य संगति देखने को मिली। यह अवसर था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शतकीय वर्ष पूर्ण होने का। त्रिदिवसीय कार्यक्रम आज सकुशल संपन्न हुआ कार्यक्रम परम पूज्य श्री परम हंस स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी के अनन्य शिष्य-सेवक परम पूज्य श्री आशीषानन्द जी महाराज के सौजन्य से बड़े ही भव्य और अनुशासित रूप में सम्पन्न हुआ काशी प्रांत के सैकड़ों स्वयंसेवक और प्रचारक बंधु उपस्थित हुए, जिन्होंने गुरु चरणों में शीश नवाकर संघ की स्थापना शताब्दी पर देशहित और धर्मरक्षा का संकल्प लिया ।
संघ का संक्षिप्त परिचय:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के पावन अवसर पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने नागपुर में की।
• संगठन राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और हिंदू समाज के संगठन की भावना पर आधारित है।
• वर्तमान में संघ प्रमुख मोहन भागवत जी के दिशा-निर्देशों पर कार्य करते हुए, प्रदेश को छह प्रांतों में विभाजित कर संगठन को और सशक्त किया जा रहा है।
• संघ का आदर्श वाक्य: ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे’।
उपस्थित प्रमुख प्रचारक बंधु:
• अखिल भारतीय संघ प्रचारक प्रमुख अरुण जैन जी
• क्षेत्रीय प्रचारक अनिल कुमार जी
• राजेंद्र जी
• प्रांत संघचालक अंगराज सिंह जी
साथ ही सैकड़ों अन्य प्रचारक बंधु उपस्थित रहे सभी ने अनुशासन और ड्रेस कोड के अनुसार सलामी दी और संघ के उद्देश्यों की पुनः शपथ ली। उन्होंने देशहित, ईमानदारी, निष्ठा और हिंदू समाज के एकत्व के लिए कार्य करने का संकल्प लिया कार्यक्रम के अंत में परम पूज्य श्री अड़गड़ानंद जी महाराज से सभी स्वयंसेवकों ने आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके द्वारा रचित मानव धर्म शास्त्र ‘यथार्थ गीता’ की प्रतियाँ प्राप्त कर सत्संग लाभ एवं दर्शन लाभ अर्जित किया। साथ ही, उनके मार्गदर्शन को जीवन में धारण करने का व्रत लिया ।