Edit by : Dharmendra Bhardwaj
मऊ में सोमवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की गाड़ियां कोर्ट परिसर में दाखिल हो गईं। जानकारी के मुताबिक, मंत्री 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़े एक पुराने मामले में सिविल कोर्ट में पेशी पर पहुंचे थे। उनके खिलाफ हलधरपुर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज है। इसी मामले में कोर्ट से वारंट जारी होने पर वह जमानत लेने पहुंचे थे।
मंत्री के कोर्ट में दाखिल होते ही परिसर में अफरा-तफरी मच गई। उनकी गाड़ियां कोर्ट परिसर में खड़ी हो गईं, जिससे जाम की स्थिति बनने लगी। इस पर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री अजय सिंह नाराज हो गए। उन्होंने मौके पर पहुंचकर आपत्ति जताई और मंत्री के स्टाफ से तुरंत गाड़ियां बाहर कराने को कहा।
महामंत्री अजय सिंह ने इस मामले की शिकायत पुलिसकर्मियों से भी की। उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर में सिर्फ एक गाड़ी के प्रवेश की अनुमति दी गई थी, लेकिन मंत्री के साथ दो गाड़ियां अंदर पहुंच गईं। यह नियम विरुद्ध है और इससे वकीलों व आम लोगों को असुविधा होती है।
अजय सिंह ने सुरक्षाकर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए सभी वाहनों को बाहर पार्किंग में भेजने का निर्देश दिया। उनकी नाराजगी के बाद मंत्री की गाड़ी को तुरंत बाहर कर दिया गया। इस दौरान मंत्री ओमप्रकाश राजभर खुद गाड़ी से उतरकर कोर्ट रूम में दाखिल हो गए।
कोर्ट परिसर में गाड़ियों को लेकर हुई इस कार्रवाई की चर्चा पूरे दिन शहर में रही। वकीलों का कहना है कि नियम सबके लिए समान हैं और किसी को भी विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। मंत्री राजभर की पेशी और गाड़ियों को बाहर कराए जाने का यह मामला मऊ की राजनीतिक हलचल का केंद्र बना रहा।
Edit by : Dharmendra Bhardwaj