Editor: Dharmendra Bhardwaj
गाजीपुर/लखनऊ:
पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के परिवार पर एक बार फिर कानून का शिकंजा कस गया है। पहली बार मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उमर ने अपने पिता की जब्त संपत्ति को छुड़ाने के लिए कोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के सहारे याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने अपनी फरार मां अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया।
गाजीपुर पुलिस ने उमर अंसारी को रविवार देर रात लखनऊ के दारुलशफा इलाके से गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ मोहम्मदाबाद थाने में धोखाधड़ी, षड्यंत्र और दस्तावेजों की कूटरचना जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
गाजीपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के मुताबिक, मुख्तार अंसारी के नाम की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत पहले ही कुर्क किया जा चुका था। इसी संपत्ति को छुड़ाने के लिए उमर अंसारी ने गाजीपुर की जिला अदालत में याचिका दायर की थी।
पुलिस के अनुसार, याचिका के साथ जो दस्तावेज़ लगाए गए, उनमें उमर की मां अफशां अंसारी के हस्ताक्षर थे, जो बाद में फर्जी पाए गए। जांच में पता चला कि दस्तावेज़ में किए गए हस्ताक्षर, अफशां अंसारी के पहले से उपलब्ध दस्तावेजों—जैसे कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन की पार्टनरशिप डीड—से मेल नहीं खाते।
गौरतलब है कि अफशां अंसारी इस समय फरार हैं और पुलिस ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर रखा है। साथ ही 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है।
वकील भी फंसे, एफआईआर में नाम
इस पूरे मामले में उमर अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने वकील को भी बराबर का दोषी मानते हुए एफआईआर में नामजद किया है। याचिका में वकील ने उल्लेख किया था कि अफशां अंसारी ने स्वयं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर अपने बेटे उमर को याचिका सौपी थी। लेकिन जब दस्तावेज़ों की फोरेंसिक जांच कराई गई तो हस्ताक्षर संदिग्ध पाए गए।
अगली कार्रवाई जारी
फिलहाल मोहम्मदाबाद पुलिस उमर अंसारी से पूछताछ कर रही है और दस्तावेज़ों की पड़ताल भी तेज़ कर दी गई है। यह भी जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।