शिक्षा की दुर्व्यवस्था पर जनराज्य पार्टी ने निकाली शिक्षा की शवयात्रा
मुख्यमंत्री के नाम बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ को दिया विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन
मुहम्मदाबाद गोहना, मऊ। स्थानीय तहसील के सुल्तानीपुर स्थित जनराज्य पार्टी के कार्यालय से करहां, मुहम्मदाबाद गोहना, खुरहट होते हुए जिला मुख्यालय तक शिक्षा की शवयात्रा निकाली गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष रविशंकर भारत के नेतृत्व में जनराज्य पार्टी के विभिन्न कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ संतोष उपाध्याय के हाथों मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौपा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की गिरती सरकारी शिक्षा व्यवस्था, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अनुचित समायोजन और निजीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ गुरुवार को एक विशाल जनप्रदर्शन का आयोजन किया गया। पार्टी ने प्रदेश में चल रहे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के समायोजन, शिक्षकों की भारी कमी, तथा निजी विद्यालयों की अनियंत्रित स्थापना पर गहरी आपत्ति जताई। ज्ञापन में मांग की गई कि विद्यालय समायोजन गरीबों के शिक्षा अधिकार पर हमला है, इसलिए इसे वापस लिया जाय। समायोजन का आधार छात्र संख्या की कमी बताया गया, जबकि वास्तविक समस्या शिक्षकों और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी थी। सरकार ने शिक्षकों की भर्ती करने के बजाय विद्यालय ही बंद कर दिए, जिससे गरीब बच्चों का शिक्षा का एकमात्र विकल्प समाप्त हो गया। बताया गया कि शिक्षकों की कमी को आंकड़ों में छिपाया गया। सरकार ने समायोजन के माध्यम से शिक्षक-छात्र अनुपात दिखाने के लिए एक ओर शिक्षक समाहित किए और दूसरी ओर स्कूल बंद कर दिए। यह मात्र आंकड़ों का प्रबंधन है, समस्या का समाधान नहीं।
बीते 10 वर्षों में सरकारी स्कूलों की संख्या घटकर 1.58 लाख से 1.48 लाख हो गई, जबकि निजी स्कूलों की संख्या 57,000 से बढ़कर 82,000 से अधिक हो गई है। इसके पीछे सरकार की नीति और पूर्व शासनादेशों की अवहेलना प्रमुख कारण हैं। शासनादेश संख्या 1997/15-7-2011 और 746/15-7-2015 के अनुसार, निजी विद्यालयों को सरकारी विद्यालयों के 1-3 किमी के दायरे में अनुमति नहीं दी जानी थी। लेकिन सरकार स्वयं इन नियमों का उल्लंघन कर निजी स्कूलों को बढ़ावा दे रही है।
बताया गया कि लाखों युवा शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करके शिक्षक भर्ती का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन सरकार नई भर्तियां रोककर बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है। रानीपुर ब्लॉक के असलपुर गाँव अंतर्गत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर से संबंधित आंकड़े दर्शाते हैं कि कैसे शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय को बच्चों के नाम पर बंद कर दिया गया। 8 वर्षों से प्राथमिक विद्यालय में केवल 2 शिक्षक और 1 शिक्षा मित्र से 5 कक्षाएँ चलाई जा रही थीं जो की बच्चों के कम होने का मुख्य कारण है।
कहा गया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय असलपुर गाँव ब्लाक रानीपु वर्ष 2022 से केवल 1 शिक्षक ही विद्यालय में कार्यरत रहे जो तीन कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। दोनों विद्यालय के मर्जर के बाद 3 शिक्षकों, एक शिक्षा मित्र से 8 कक्षाएँ चलाना होगा, जो पूर्णतः अव्यवहारिक है। 4 कमरों में 8 कक्षाएँ संचालित होंगी जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा असंभव है।
ज्ञापन के माध्यम से जनराज्य पार्टी की ने मांग किया कि सभी मर्ज हुए विद्यालयों का समायोजन तत्काल रोका जाय और प्राथमिक विद्यालयों में शीघ्र नई शिक्षक भर्तियाँ की जाएं। विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएँ जैसे कक्ष, शौचालय, पुस्तकालय उपलब्ध कराए जाएं। पूर्व शासनादेशों का अनुपालन करते हुए अनधिकृत निजी विद्यालयों की मान्यता रद्द की जाए। जनराज्य पार्टी गरीबों और वंचितों के शिक्षा अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और आवश्यकता पड़ने पर व्यापक जनांदोलन शुरू करेगी।
इस अवसर पर पार्टी के अध्यक्ष रविशंकर भारत, महासचिव पारस भारत, सचिव रामनरेश भारत, जिलाध्यक्ष शिवजनम यादव, मुहम्मदाबाद ब्लाक प्रभारी श्यामनारायण, घोसी प्रभारी सुनील चौहान एवं अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
