श्री मद भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग का श्रवन हुआ


सादात। नगर के वार्ड छह स्थित सुरेश चन्द्र वर्मा के आवास पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन मंगलवार को श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। कथावाचक जय आशीष दूबे ने भगवान श्रीकृष्ण और विदर्भ देश की राजकुमारी रुक्मिणी के विवाह का वर्णन किया। उन्होंने कहा है महारास लीला जीवात्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है। कथावाचक ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा आत्मा के जागरण का एक महत्वपूर्ण साधन है जो व्यक्ति को जीवन के रहस्यों और चक्र को समझने में मदद करता है। भागवत कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन में आई नकारात्मकता दूर होती है और पापों का नाश होता है। भागवत कथा का श्रवण करने से मोक्ष की प्राप्ति आसान हो जाती है। यह भारतीय संस्कृति के महत्व को स्थापित करने के साथ ही उसे समृद्ध बनाता है। इस अवसर पर शिवानन्द सिंह मुन्ना, लल्लन वर्मा, सुरेश चन्द्र वर्मा, मधु सिंह, नंदिनी देवी, शांति देवी, रेखा, सुमन, नीलम, पूनम, अंशू, रमेश, विजय, दीपक, चन्दन, रवि, विजय, प्रदीप, राहुल, रोहन सहित श्रद्धालु नर नारी उपस्थित रहे।

error: Content is protected !!
नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 9415000867 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें