सेवराई। स्थानीय तहसील क्षेत्र में हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल पर वर्षा कहर बनकर टूटी है। लगातार कई दिनों से हो रही वर्षा और तेज हवाओं के कारण लगभग तैयार फसलें खेतों में गिर गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान का अंदेशा है। खेतों में पानी भरने और फसल गिर जाने से किसानों के चेहरों पर चिंता की गहरी लकीरें साफ झलक रही हैं।
किसानों का कहना है कि इस समय धान की फसल कटाई के बिल्कुल करीब थी। अधिकांश खेतों में बालियाँ निकल चुकी थीं। कुछ फसलें ‘फूला’ अवस्था में थीं, तो कुछ ‘दूधिया’ और कुछ अगेती फसलें कटाई के कगार पर थीं। लेकिन लगातार बारिश और तेज हवाओं ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में पानी भरने से गिरी हुई बालियों के ‘पईया’ और अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होंगे।
स्थानीय किसान टुनटुन सिंह, पवन सिंह, दिनेश पाठक, रंगबहादुर उपाध्याय, शंकर सिंह और कमलेश सहित कई किसानों ने बताया कि मौसम ने आखिरी समय पर धोखा दे दिया। अब तो लागत निकालना भी मुश्किल लग रहा है। खेतों में पानी भरा हुआ है और फसलें सड़ने लगी हैं। अगर जल्द धूप व खेतों से जल्द नहीं निकली तो नुकसान और बढ़ जाएगा।
किसानों ने बताया कि जहाँ लगातार वर्षा ने तापमान में गिरावट लाकर मौसम को ठंडा बना दिया है, वहीं इसने खेती की पूरी गणित बिगाड़ दी है। धान की पैदावार में इस बार भारी गिरावट तय मानी जा रही है। किसानों का कहना है कि अगर शासन-प्रशासन जल्द कोई राहत या मुआवजे की घोषणा नहीं करता, तो इस बार फसल का घाटा उनकी आर्थिक स्थिति को और भी कमजोर कर देगा।
किसानों का कहना है कि अब तक कृषि विभाग की ओर से कोई सर्वेक्षण या निरीक्षण नहीं किया गया है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षतिग्रस्त फसलों का तत्काल सर्वे कराकर उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
