गाजीपुर: साहित्यप्रेमियों के लिए गाजीपुर में पहली बार भारत डायलॉग्स आयोजित करने जा रहा है “गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल” जो अगले महीने की 7 और 8 नवंबर को रामलीला लंका मैदान और होटल नन्द रेजिडेंसी में आयोजित की जाएगी ।
लोक अधिकार समाचार के संवाददाता ने इस कार्यक्रम के विषय में आयोजन करने वाली संस्था भारत डॉयलॉग्स के दोनों फाउंडर्स पूजा प्रियंवदा और विवेक सत्यमित्रम से बातचीत की
संवाददाता: भारत डॉयलॉग्स क्या है और यह क्या कार्य करती है?
पूजा प्रियंवदा: भारत डॉयलॉग्स एक थिंक टैंक है जिसमें हम इवेंट्स करते है और दूसरे बड़े इवेंट ऑर्गनाइजर्स को कंसल्ट भी करते है इसके अलावा कॉफी टेबल बुक्स, क्यूरेटेटेड बुक्स बनवाते है साथ ही हम डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनवाते है, हम दोनों फाउंडर्स स्वतंत्र रूप से मीडिया कंसल्टेंट भी करते है, जिसमें ब्रांडिग, कंटेंट, मीडिया पॉलिसी के लिए राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कंसल्टिंग का काम करते है।
भारत डायलॉग्स का विजन ये है कि वो राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर जो चर्चाएं होती है वो भारत के टीयर 2 और टियर 3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचे, इसी कड़ी में भारत डॉयलॉग्स गाजीपुर में पहली बार लिटरेचर फेस्टिवल करवा रहा है इसी कड़ी में पहला दिन 7 नवंबर को वाराणसी में आयोजित होगा ।
संवाददाता: गाजीपुर में ही लिटरेचर फेस्टिवल करवाना क्यों चुना भारत डॉयलॉग्स ने?
विवेक सत्यमित्रम: गाजीपुर को इस कार्यक्रम के लिए इस लिए चुना गया क्योंकि गाजीपुर से अनेक लोगों ने अपनी प्रतिभा के बल पर कला और साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है, जैसे महाभारत जैसे टीवी सीरियल की पटकथा लिखने वाले राही मासूम रजा, एक्टर डायरेक्टर और भोजपुरी फिल्मों के पितामह कहे जाने वाले नाजिर हुसैन साहब, साहित्य के क्षेत्र में डॉ विवेकी राय, और कुबेर नाथ राय जैसे साहित्यकार और शौर्य और साहस के प्रतीक परम वीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद, महावीर चक्र विजेता रामउग्रह पांडेय की धरती है लेकिन दुर्भाग्यवश गाज़ीपुर का नाम अपराध के क्षेत्र ज्यादा लिया जाता है लेकिन यहां की बलिदानी धरती का नाम ऐसे कार्यों में भी आगे रहे इसके लिए ही हम ऐसे प्रयास कर रहे है जिसका उदाहरण यह लिटरेचर फेस्टिवल है ,
इसके अतिरिक्त एक मुख्य कारण गिरमिटिया जनजाति जो अग्रेजों के समय में भारत से अलग अलग देशों में ले जाया गया उनमें हज़ारों लाखों लोगों की जड़े यही आसपास में है जिससे उनको जोड़ना है
संवाददाता: गाजीपुर में इस कार्यक्रम को करवाने में गाजीपुर के लोग आपके साथ सहयोग कर रहे है?
पूजा प्रियंवदा: हां गाजीपुर में हमारा ये पहला कार्यक्रम है, भारत डॉयलॉग्स के फाउंडर विवेक सत्यमित्रम भी गाजीपुर के ही है साथ ही इसमें गाजीपुर के अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोग हमरा सहयोग कर रहे है , साहित्य चेतना समाज के अमरनाथ तिवारी, यशवंत राय, संजीव गुप्ता उत्थान फाउंडेशन का भी सहयोग मिल रहा है।
संवाददाता: गाजीपुर में आपने सबसे पहले अपने इस कार्यक्रम को लेकर किससे मिले थे?
विवेक सत्यमित्रम: गाजीपुर में सबसे पहले हम अभिनव एकेडमी के डायरेक्टर संजीव अरुण कुमार से मिले जिनके माध्यम से गाजीपुर में अन्य लोगों से मिले इस कार्यक्रम में संजीव अपनी पूरे इच्छाशक्ति और मनोयोग से इस लिटरेचर फेस्टिवल को सफल बनाने में लगे हुए है, जिसमें लोगों से संपर्क करके उनका रजिस्ट्रेशन करवाना और लोगों को लिटरेचर फेस्टिवल से जोड़ना है ।
