शेरपुर कलां में स्थित 93 वर्षीय ऐतिहासिक प्राथमिक विद्यालय की दुर्दशा से क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है। यह स्कूल 1930 में प्रसिद्ध बैरिस्टर शिवकुमार राय द्वारा स्थापित किया गया था और इसका ऐतिहासिक महत्व है। विद्यालय की जर्जर स्थिति के कारण पिछले तीन सत्र से कक्षाएं हरिजन बस्ती प्राथमिक विद्यालय में संचालित की जा रही हैं।
विद्यालय का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है और नए भवन के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है, जबकि ढाई साल पहले मलबे की नीलामी की गई थी। यह विद्यालय वार्ड नंबर 4, 5 और 6 के करीब 5000 मतदाताओं का मतदान केंद्र भी है। पिछले लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को दूर स्थित हरिजन बस्ती पाठशाला जाना पड़ा, जिससे महिलाओं और बुजुर्गों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्थानीय निवासियों के अनुसार यह विद्यालय ऐतिहासिक महत्व रखता है और 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन की रूपरेखा इसी विद्यालय में तैयार की गई थी। यहां से कई स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, राजनेता, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और सैनिक निकले हैं। विद्यालय की वर्तमान स्थिति से क्षेत्र के लोगों में मानसिक तनाव है और ग्रामीण विभाग से विद्यालय के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं।
विद्यालय के पुनर्निर्माण की मांग- स्थानीय निवासी विद्यालय के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यालय का ऐतिहासिक महत्व है और इसका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।ग्रामीण विभाग से विद्यालय के पुनर्निर्माण के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।विद्यालय के पुनर्निर्माण से न केवल क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी, बल्कि ऐतिहासिक महत्व के इस विद्यालय को पुनर्जीवित भी किया जा सकेगा।
