हर साल बाढ़ में शेरपुर में गंगा स्नान सम्पर्क मार्ग हो जाता है क्षतिग्रस्त, स्नानार्थियों ने उठायी नये पक्के पुल की मांग


स्थानीय ब्लॉक अंतर्गत क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आने के पश्चात शेरपुर कलां में गंगा स्नान घाट एवं श्माशान घाट सम्पर्क मार्ग के क्षतिग्रस्त हो जाने से स्थानीय निवासियों की बहुत दुर्दशा हो रही है। प्रतिदिन गंगा स्नान करने जाने बुजुर्गो और महिलाओं को जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ रहा है। चुंकि यही रास्ता श्मशानघाट की तरफ भी जाता है इसलिए शव दाह हेतु भी नागरिकों को इन्ही तकलीफदेह रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।स्थानीय नागरिकों ओमप्रकाश राय,राम जी मिश्र, दिनेश ठाकुर, रामाशंकर शर्मा, दुर्गा चौधरी, बब्लू राय, संजय राय, रामा उपाध्याय, सुरेन्द्र ठाकुर, ईश्वर दयाल कुमार, फुलझड़ी देवी, उषा देवी, मनोज उपाध्याय इत्यादि ने बताया कि यह सम्पर्क मार्ग बाढ़ प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। जैसे ही बाढ़ का दबाव आता है पाइप के पुल से पानी न निकल पाने के कारण पिपे के पुल सहित मार्ग को ही तोड़ कर बहा ले जाता है। सड़क की ऊंचाई भी बहुत कम है जिससे तुरंत यह सम्पर्क मार्ग बाढ़ के घेरे में आ जाता है। हर बार मार्ग टूट जाने पर कभी स्वयं श्रमदान कर मार्ग की मरम्मत की जाती है तो कभी शासन द्वारा भी बस खाना पूर्ति करवाकर इति श्री कर ली जाती है।

स्थानीय नागरिकों की शासन से मांग है कि क्षतिग्रस्त रास्ते को थोड़ा और ऊंचा कर के एक नये पक्के पुल का निर्माण शासन द्वारा कराया जाये ताकि प्रत्येक वर्ष आने वाले संकट से ग्रामीणों को मुक्ति मिले सके।और नागरिकों को आवागमन में राहत हो।ग्रामीणों ने कहा कि यदि शासन द्वारा इस बार अनदेखा किया गया तो आंदोलन भी किया जायेगा, एवं साथ ही साथ श्रम दान से मार्ग की मरम्मत भी कराई जाएगी।

अब देखना ये है कि शासन स्तर पर ग्रामीणों की सुनवाई कितनी हो पाती है, और कब तक ग्रामीणों की समस्याओं का निदान हो पाता है?

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