गाज़ीपुर शहर में आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शहीदों और विभाजन के दौरान पीड़ित लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने कहा कि यह दिन हमें विभाजन के दर्द और पीड़ा की याद दिलाता है, जो देश के बंटवारे के समय हुआ था। इस अवसर पर गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मौन जुलूस निकाला गया, जो मिश्र बाजार, महुआ बाग, अफीम फैक्ट्री होते हुए कचहरी सरजू पाण्डेय में श्रद्धेय सरजू पाण्डेय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ समाप्त हुआ।
गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मौन जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
जिला पंचायत सभागार में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि विद्यासागर राय क्षेत्रिय उपाध्यक्ष ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरु व कांग्रेस पार्टी के कुछ लोगों के साथ विभाजन की योजना बना ली गई थी, जिसका दंश देश की जनता ने झेला।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले बेकसूर आत्माओं को नमन किया और श्रद्धांजलि दी।
भाजपा नेता व उपस्थित गणमान्य
जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश राय, पूर्व जिला अध्यक्ष व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्ण बिहारी राय,पूर्व जिला अध्यक्ष विजय शंकर राय, पूर्व जिला अध्यक्ष रामतेज पाण्डेय, पूर्व जिला अध्यक्ष विजेंद्र राय,पूर्व जिला अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह, निवर्तमान जिला अध्यक्ष सुनील सिंह, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पारसनाथ राय,पूर्व मंत्री विजय मिश्रा, किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री बृजनंदन सिंह,जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सपना सिंह, पूर्व विधायक श्रीमती सुनीता सिंह, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राम नरेश कुशवाहा,जिला उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह, श्याम राम तिवारी, ओमप्रकाश राम,जिला महामंत्री अवधेश राजभर, प्रवीण सिंह, दयाशंकर पाण्डेय,जिला मंत्री सुरेश बिंद, विष्णु सिंह,राकेश यादव, संतोष चौहान, जिला मिडिया प्रभारी शशीकांत शर्मा, रवीन्द्र राय, जितेन्द्र नाथ पाण्डेय, कृष्णानंद राय, अवधेश राय, अजिताभ राय, रासबिहारी राय, प्रमोद राय, संतोष जयसवाल, शैलेश राम एवं सभी जिला पदाधिकारी,ब्लाक प्रमुख, मंडल अध्यक्ष, सभी मोर्चों के अध्यक्ष, सभी मंडलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे कार्यक्रम का कुशल संचालन जिला उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने किया।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें विभाजन के दर्द और पीड़ा की याद दिलाता है और हमें सामाजिक विभाजनों को दूर करने और एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता की याद दिलाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाना है।