काव्यगोष्ठी का हुआ आयोजन, हम हिंसा में विश्वास न करते हथियार उठाये बिना… कवित्त पाठ कर लूटी वाहवाही


गाज़ीपुर: नगर के सिद्धेश्वर नगर कालोनी स्थित पर जिला पत्रकार समिति के हाल में मिशन जामवंत से हनुमान जी के राष्ट्रीय संयोजक सूर्यकुमार सिंह के संयोजकत्व में एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ कवि कामेश्वर द्विवेदी के वाणी वन्दना से हुआ। कवि हरिशंकर पाण्डेय ने -अधिकारी बन बहुत जी लिये, पुत्र रूप घर आओ तो/राह निहारे बूढी अंखियां, उनसे कुछ बतियाओ तो, सुनाकर सोचने के लिए विवश कर दिया। प्रबन्धकार कामेश्वर द्विवेदी ने वीर शहीदों के लिए गीत-हो तूफान भयंकर फिर भी, तनिक नहीं थे डिगने वाले, श्रद्धासुमन उन्हें जो कारगिल पर जो ध्वज को फहराने वाले, सुनाकर खूब वाहवाही अर्जित की। वरिष्ठ कवि धर्मेश ने-हम हिंसा में विश्वास न करते, शान्ति चाहते हैं। हथियार उठाये बिना सत्य की क्रान्ति चाहते हैं। सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। ओज के कवि दिनेश चन्द्र शर्मा की-मौजे डुबो देतीं तो सुकून हो जाता, किनारों ने डुबोया है, हमें इस बात का है। गम, काफी प्रशंसित रही।अमरनाथ तिवारी, संजय कुमार पाण्डेय, विजय नारायण तिवारी, रंग बहादुर सिंह एवं मनोज कुमार यादव की कविताएं भी श्रोताओं के द्वारा खूब सराही गईं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अखिलेश्वर, रमेशचन्द्र, कुंजबिहारी राय, राजेश शर्मा, ओमनारायण प्रधान, बृजभान सिंह एवं अन्य दर्जनो प्रबुद्ध श्रोताओं, प्रत्रकारों की गरिमामयी उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि उत्कृष्ट पाण्डेय रहे। अध्यक्षता कामेश्वर द्विवेदी व संचालन दिनेश चन्द्र शर्मा ने किया। अंत में कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार/ मिशन जामवंत के राष्ट्रीय संयोजक सूर्यकुमार सिंह ने सबके प्रति आभार व्यक्त कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

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