मातृ गंगाजली महाविद्यालय मौधियां में एकदिवसीय हिंदी भाषा संगोष्ठी का आयोजन हुआ


गाज़ीपुर: उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के सौजन्य से मातृ गंगाजली महाविद्यालय मौधियां में एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में हिंदी भाषा में लोक साहित्य के महत्व पर वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया।

वक्ता के क्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य राजनाथ सिंह ने कहा कि लोक भाषा बोली के माध्यम से आम जनमानस तक पहुंचती है। अगले वक्ता डॉ. वीरेंद्र कुमार ने ग्रामीण परिवेश में 16 संस्कारों के गीतों की परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि बोली ही लोक भाषा का सबसे सशक्त माध्यम है। डॉ. अशोक राय ने भिखारी ठाकुर के योगदान को याद करते हुए कहा कि भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी और लोक भाषा को समृद्ध किया। इससे हिंदी भाषा को संपर्क भाषा के रूप में विकसित करने में मदद मिली। उदय प्रताप सिंह ने लोकमत को ही लोक भाषा बताया। कपिल देव यादव ने कहा कि अंचल के परिवेश में बोलियों का आदान-प्रदान भाषा के माध्यम से होता है। कार्यक्रम का संचालन कवि डॉ. अशोक अज्ञान ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक तहसीलदार यादव ने दिया।

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