बाढ़ की अशंका से तटवर्ती गांवों के किसान चिंतित


गाजीपुर: भांवरकोल में पिछले एक सप्ताह से गंगा नदी में हो रही लगातार वृद्धि से तटवर्ती इलाके के गांवों में बाढ़ की अहंकार से किसानों में धुकधुकी बढ़ गई है। पहाडों एवं प्रदेश के अन्य हिस्सों में हो रही बरसात से गंगा नदी का पानी अब धीरे-धीरे तटवर्ती मैदानी इलाके के गांवों के नालों में प्रवेश कर रहा है। क्षेत्र के पलियां बुजुर्ग के गंगा किनारे परवल की फसल डूबने लगी है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर बाढ़ आई तो किसानों को भारी छति उठानी पड़ेगी। ज्ञात हो कि क्षेत्र में ब्यवसायिक खेती के तहत बड़े पैमाने पर मिर्च, करैला,लौकी आदि की नर्सरी तैयार है। जिसकी रोपाई भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में अगर बाढ़ आई तो काफी महंगे बीज खरीद कर तैयार नर्सरी पुरी तरह से चौपट हो जाएगी। वहीं बड़े पैमाने पर की गई करैला, लौकी,तरोई आदि की फसल बर्बाद हो जाएगी। ऐसे में यदि बाढ़ आई तो किसानों की कमर ही पुट जाएगी। नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से तटवर्ती इलाके के गांवों के किसान बाढ़ की अशंका से उनके माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई है।

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