20 हजार दो नहीं तो खबर चलाऊंगा और भुगतान रुकवा दूंगा


पत्रकारिता की आड़ में मानसिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण का प्रतीक बनता जा रहा करंडा का कथित आपराधिक पृष्ठभूमि का पत्रकार

गाजीपुर: जनपद गाजीपुर के करंडा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत सुआपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पत्रकारिता की आड़ में कथित रूप से अवैध वसूली व मानसिक उत्पीड़न का संगीन खेल खेला जा रहा है। तथाकथित पत्रकार गांवों में घूम-घूम कर विकास कार्यों में अनियमितता का आरोप लगाकर पोर्टल की खबरों के माध्यम से प्रधानों की सामाजिक हैसियत को धूमिल कर मानसिक उत्पीड़न करता है तत्पश्चात अपने धन उगाही के इरादों को उजागर करता हैं। इनकी गतिविधियों से करंडा क्षेत्र के कई ग्राम प्रधानों व प्रतिनिधियों मेंआक्रोश व्याप्त है।ताजा मामला सुआपुर ग्राम पंचायत का है, जहां के प्रधान प्रतिनिधि प्रकाश सोनकर ने बताया कि कथित आपराधिक पृष्ठ भूमि का पत्रकार अमित उपाध्याय द्वारा ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली का प्रयास किया जा रहा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रकाश सोनकर ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दिनांक 25 जून को अमित उपाध्याय नामक व्यक्ति अपने आपको सरकारी पत्रकार बताते हुए पंचायत भवन पहुंचा और विकास कार्यों की जानकारी मांगने लगा। प्रधान प्रतिनिधि के अनुसार, जब उन्हें विकास कार्यों की जानकारी दी गई, तो कथित पत्रकार ने सहयोग के नाम पर ₹20,000 रुपए की मांग की और कहा कि उसे एक चारपहिया वाहन खरीदना है। जब प्रतिनिधि ने राशि देने से मना किया, तो वह नाराज होकर चला गया। इसके बाद 27 जून को वह फिर पंचायत भवन आया और दबाव बनाते हुए कहा कि “प्रधान जी कुछ भी कर दीजिए , इस पर प्रतिनिधि ने किसी अन्य व्यक्ति से कर्ज लेकर ₹1,000 दिए। इसका वीडियो भी प्रधान प्रतिनिधि के पास सुरक्षित है। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि, 29 जून को तीसरी बार कथित पत्रकार अमित उपाध्याय पुनः पंचायत भवन आया और ₹19,000 की और मांग करते हुए धमकी दी, कि यदि रकम नहीं दी गई तो वह प्रधान के खिलाफ खबरें चलाएगा और अधिकारियों जैसे सीडीओ, बीडीओ व डीसी मनरेगा से मिलकर भुगतान रुकवा देगा। प्रधान प्रतिनिधि ने स्पष्ट कहा कि जब हमने मानक के अनुसार कार्य कराया है तो डरने की कोई आवश्यकता नहीं। इसके बाद कथित पत्रकार वहां से चला गया और प्रधान के विरुद्ध फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाने लगा। उन्होंने बताया कि पत्रकार द्वारा चलाई गई खबरों में यह आरोप लगाया गया कि पंचायत भवन निर्माण में दो नंबर की ईंट और सफेद बालू का प्रयोग किया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि, एक ट्रक लाल बालू व एक ट्राली सफेद बालू गिराई गई थी, जिसमें अधिकांश कार्य लाल बालू से ही हुआ है और ईंट की गुणवत्ता भी एक नंबर की है। पीड़ित प्रधान प्रतिनिधि प्रकाश सोनकर ने समस्त प्रधानों से अपील की है कि वे इस प्रकार के कथित ब्लैकमेलर पत्रकार अमित उपाध्याय से सतर्क और सावधान रहें, जो पत्रकारिता की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से भी ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति पत्रकारिता की आड़ में किसी जनप्रतिनिधि को धमकाने या वसूली करने का दुस्साहस न कर सके। आपको बताते चलें कि मानसिक रूप से पीड़ित प्रधान प्रतिनिधि ने जिस कथित पत्रकार अमित उपाध्याय का जिक्र यहां किया है वो एक बड़े आपराधिक पृष्ठ भूमि से आता है,परिवार संगीन अपराधों की चादर में लिपटा हुआ है,बड़ा भाई व पिता वाराणसी में एक व्यवसाई दंपत्ति की नृशंस हत्या में आरोपी है।दोनों ही जेल की एक लंबी यात्रा कर चुके हैं,भाई उच्च न्यायालय से पैरोल पर बाहर है व पिता की वर्तमान स्थिति ज्ञात नहीं है।प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि जब वो कथित पत्रकार के गांव पहुंचे और बात करने की कोशिश की तो वो बाहर नहीं निकला,गांव वालों ने बताया कि कथित पत्रकार के ऊपर भी विभिन्न धाराओं में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं ।

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