महुवी ग्राम सभा में बदलाव की बयार: धनंजय प्रधान को लोगों का मिल रहा प्यार, छात्र आंदोलन से ग्रामीण सियासत तक की कहानी, धनंजय प्रधान अब लोगों की जुबानी


संवाददाता – त्रिलोकी नाथ राय


गाजीपुर के मुहम्मदाबाद विकासखंड क्षेत्र के महुवी ग्राम सभा में इस समय राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरमा चुका है और चर्चा के केंद्र में हैं, जिले के चर्चित छात्र नेता व संघर्षशील युवा चेहरा धनंजय प्रधान। छात्र राजनीति से निकले धनंजय प्रधान आज गांव, युवाओं और आम जनता के बीच एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरते नजर आ रहे हैं।

धनंजय प्रधान की पहचान एक जुझारू और संघर्षशील छात्र नेता के रूप में रही है। उन्होंने वर्ष 2012 में स्वामी सहजानंद डिग्री कॉलेज से छात्र संघ का चुनाव लड़कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। इसके बाद 2013 में विश्वविद्यालय आंदोलन के दौरान छात्रों की मांगों को लेकर सड़क पर उतरे धनंजय प्रधान को पुलिस की लाठियां तक झेलनी पड़ीं। यह दौर उनके जीवन का अहम मोड़ साबित हुआ, जिसने उन्हें संघर्षों का आदी बना दिया।

धनंजय प्रधान की राजनीतिक और सामाजिक सेवा की विरासत उन्हें परिवार से भी मिली है। उनके दादा लगभग 25 वर्षों तक ग्राम सभा महुवी के ग्राम प्रधान रहे, जिससे गांव की सेवा और नेतृत्व की परंपरा उनके घर से जुड़ी रही है। यही वजह है कि ग्रामीण आज भी उनके परिवार को सेवा, भरोसे और नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देखते हैं।

धनंजय प्रधान ने केवल छात्र राजनीति तक ही खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि संगठनात्मक राजनीति में भी अहम भूमिकाएं निभाईं। वे भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष, भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री और नोनहरा भाजपा मंडल के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। इन पदों पर रहते हुए उन्होंने युवाओं के मुद्दे, रोजगार, शिक्षा और जनसमस्याओं को लगातार उठाया।

वर्ष 2021 में धनंजय प्रधान ने ग्राम सभा महुवी से ग्राम प्रधान पद का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी जनता से दूरी नहीं बनाई। हार के बाद भी वे गांव में सक्रिय रहे, लोगों के सुख-दुख में शामिल होते रहे और जनसमस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाते रहे।

आज हालात पूरी तरह बदलते दिखाई दे रहे हैं। गांव के बुजुर्ग, युवा और महिलाएं खुलकर यह कह रहे हैं कि महुवी को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो संघर्षों से निकला हो, जमीन से जुड़ा हो और बेबाकी से बात रखता हो। इसी वजह से धनंजय प्रधान को एक बार फिर प्रधान पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि धनंजय प्रधान की सबसे बड़ी ताकत उनकी छात्र नेता वाली पहचान, संघर्षशील स्वभाव और जनता के बीच लगातार मौजूदगी है।

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