भांवरकोल। मां गंगा का पावन तट और बलखाती गंगा की लहरों के किनारे भोजपुरी माटी की सोंधी महक के बीच निकली भोजपुरी गीत और संगीत की लहरियों पर देर रात तक उपस्थित हजारों श्रोताओं को गीत व संगीत में सराबोर करती रही। मौका था क्षेत्र के बीरपुर गांव में पूर्व सांसद घोसी अतुल राय के पुत्र कैवल्य एवं पुत्री कश्यपी के मुंडन संस्कार पर पहुंचे भोजपुरी गायकों की सांस्कृतिक कार्यक्रम की। जिसमें एक से बढ़कर एक शानदार भोजपुरी गीतों प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम की शुरुआत सुर संगीत एवं माटी के लाल अनील चौधरी की गणेश बंन्दना से हुई। फिर भोजपुरी अभिनेता एवं लोकप्रिय भोजपुरी गायक गोपाल राय ने देवी गीत” निबिया की बाढ़ भैया, डालेली झुलुववा हो कि झूमीं न झूमीं ना ” से अपनी गायकी की शुरुआत की। फिर अपने अनेकों चर्चित गीतों से कार्यक्रम को नई ऊंचाईयां दी तो मौजूद श्रोता गीतों के रस में गोते लगाने को विवश हो गए। फिर अंकुश राजा, करीना पांन्डेय एवं सबिता पाण्डेय, वैष्णवी राय, हेमा पांन्डेय ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। फिर भोजपुरी गीतों के बीच गायकों ने सोहर गीत ने पूरे माहौल में रस घोल दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का ओजपूणऀ संचालन शायर एवं लोकप्रिय एंकर जयप्रकाश “जिद्दी”ने किया। आयोजन में आए सभी कलाकारों को पूर्व सांसद अतुल राय ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। आयोजन में प्रमुख रूप से पूर्व प्रधान पवन राय, गोपाल जी राय, मदन दूबे आदि शामिल रहे। इस मौके पर आयोजित प्रीत भोज में हजारों लोगों ने भोजन ग्रहण गहण किया ।अन्त में अतुल राय ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
भोजपुरी गीतों पर देर रात तक झूमते रहे श्रोता
