अतुल राय की हुंकार से जमनिया में सियासी भूचाल, क्या ‘भोज’ के बहाने विरोधियों को कड़ा संदेश देने की तैयारी


♦पूर्व सांसद की सक्रियता से सपा-भाजपा खेमे में बेचैनी, जनता में दिखा भारी उत्साह

गाजीपुर। घोसी के पूर्व सांसद और पूर्वांचल की राजनीति के कद्दावर चेहरे अतुल राय ने जमनिया विधानसभा से चुनाव लड़ने के संकेतों के साथ ही सियासी पारा चढ़ा दिया है। 12 दिसंबर को आयोजित होने वाले विशाल ‘भोज’ को लेकर क्षेत्र की जनता में जैसा उत्साह देखा जा रहा है, उसने विरोधियों की नींद उड़ा दी है। इसे महज एक आयोजन नहीं, बल्कि अतुल राय का ‘शक्ति प्रदर्शन’ माना जा रहा है।

साजिशों को मात देकर ‘जनता की अदालत’ में वापसी

अतुल राय के समर्थकों का कहना है कि पूर्व सांसद को पूर्वांचल की बड़ी-बड़ी हस्तियों ने साजिश के तहत फंसाया था, लेकिन “सांच को आंच नहीं”। जेल की सलाखों के पीछे रहकर भी उन्होंने जनसेवा का धर्म नहीं छोड़ा। उनकी टीम लगातार क्षेत्र में सक्रिय रही और गरीबों-असहायों के सुख-दुख में खड़ी रही। यही कारण है कि आज अतुल राय के बाहर आते ही जनता उनके स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठी है।

त्रिकोणीय हुआ मुकाबला, दिग्गजों का गणित बिगड़ा

अतुल राय के मैदान में आने की खबर मात्र से ही जमनिया का सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गया है।


♦सपा-भाजपा के लिए खतरे की घंटी: जहां सपा पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह और भाजपा अपने सिंबल के भरोसे है, वहीं अतुल राय का अपना व्यक्तिगत और ठोस जनाधार है।

2017 का इतिहास: राजनीतिक जानकारों को 2017 का चुनाव याद आ रहा है, जब अतुल राय के लड़ने से बड़े-बड़े दिग्गजों का गणित फेल हो गया था और ओम प्रकाश सिंह तीसरे स्थान पर खिसक गए थे। इस बार भी अतुल राय ‘किंगमेकर’ नहीं बल्कि ‘किंग’ बनने की राह पर हैं।


जातीय समीकरण और युवाओं में पकड़

सिर्फ एक जाति नहीं, बल्कि अतुल राय की पकड़ ‘सर्वसमाज’ में मानी जाती है। राजपूत मतदाताओं के साथ-साथ युवाओं, दलितों और पिछड़ों में उनकी गहरी पैठ है। कई भाषाओं का ज्ञान और उनकी विद्वता उन्हें अन्य नेताओं से अलग कतार में खड़ा करती है। कुशवाहा और मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव भी इस बार निर्णायक साबित होने वाला है, जो अतुल राय के पक्ष में गेमचेंजर बन सकता है।

 छात्रनेता प्रद्युम्न यादव ने भी कह दी अपने दिल की बात

छात्रनेता प्रद्युमन यादव भांवरकोल ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व सांसद अतुल राय का आगामी मुंडन संस्कार कार्यक्रम केवल एक रस्म नहीं, बल्कि जनसंवाद का एक बड़ा मंच बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अतुल राय हमेशा से युवाओं के दिलों की धड़कन और चहेते रहे हैं।प्रद्युमन यादव ने बताया कि पिछले 5 सालों से पूर्व सांसद अपनी प्यारी जनता-जनार्दन से दूर थे। अब इस मुंडन कार्यक्रम के बहाने वे पुनः अपने लोगों के बीच पारिवारिक रूप से मिलना चाहते हैं और उस पुराने रिश्ते को और मजबूत करना चाहते हैं।इस कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में छात्रनेता और युवा साथी पहुंच रहे हैं। यह आयोजन अतुल राय की युवाओं के बीच अटूट लोकप्रियता का प्रमाण होगा।


♦ 12 दिसंबर का दिन जमनिया की राजनीति में नई इबारत लिखने जा रहा है। अतुल राय ने यह साफ कर दिया है कि वे लंबी पारी खेलने आए हैं। जनता की सहानुभूति और विकास की उम्मीद अब अतुल राय के साथ जुड़ती नजर आ रही है।

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