लोक अधिकार
तमकुहीराज कुशीनगर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुदही खंड द्वारा परंपरागत शस्त्र पूजन एवं विजयदशमी उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने अनुशासित पंक्तिबद्ध प्रदर्शन कर राष्ट्रीय एकता, संगठन शक्ति और सांस्कृतिक गौरव का संदेश दिया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ प्रचारक डॉ बालमुकुंद जी, जो अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के अंतर्राष्ट्रीय सचिव हैं, ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने विजयदशमी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व सत्य पर असत्य, धर्म पर अधर्म और न्याय पर अन्याय की विजय का प्रतीक है। उन्होंने संघ की संगठनात्मक भूमिका और समाज जीवन में राष्ट्रभावना जाग्रत करने के कार्य पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। साथ ही उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारतीय संस्कृति तथा परंपराओं के संरक्षण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मातरम् गीत के साथ हुआ। तत्पश्चात शस्त्र पूजन की परंपरा निभाई गई जिसमें स्वयंसेवकों ने अपने दंड और अन्य प्रतीकात्मक शस्त्रों का पूजन कर राष्ट्र रक्षा के संकल्प को दोहराया। मंचासीन अतिथियों ने समाज में संगठन और अनुशासन की महत्ता पर विचार रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, गणमान्य नागरिक और ग्रामीण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन खंड संघचालक ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन खंड कार्यवाह द्वारा दिया गया। उत्सव का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह वार्षिक विजयदशमी उत्सव क्षेत्र में उत्साह और प्रेरणा का केन्द्र बना, जहाँ समाज जीवन में राष्ट्रप्रेम, अनुशासन एवं संगठन की भावना को मजबूत करने का संदेश स्पष्ट रूप से झलका।