नाहर छपरा के मुसहरों का जप्त राजस्व अभिलेख शीघ्र रिलीज नहीं किया गया तो करेंगे व्यापक आंदोलन… पप्पू पाण्डेय



 

सीघ्र अनुसूचित जनजाति में शामिल नही हुए मुसहर तो चलेंगे मुख्यमंत्री दरबार… पप्पू पांडेय
– पप्पू पाण्डेय

कुशीनगर । पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज दिनांक 14.9.2025को पडरौना विकास खण्ड के ग्रामसभा जंगल नाहर छपरा ग्राम सभामें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पप्पू पांडे के नेतृत्व में नाहर छपरा के मुसहरों का राजस्व अभिलेख जो चकबंदी में अभी तक गांव है को जिला प्रशासन द्वारा जप्त किया गया बरसों हो गया लेकिन आज तक उसका रिलीज नहीं किया गया इस समस्या को लेकर और मुसहरों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की समस्या को लेकर एक वृहद चौपाल का आयोजन किया गया कार्यक्रम का संचालन कैलाश मुसहर ने किया । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पप्पू पाण्डेय ने कहा कि नाहर छपरा के मुशहरों का राजस्व अभिलेख वर्षों से जप्त है जिससे बहुत घर समस्या उसे गांव में उत्पन्न हो गया है आज तक उस मुसहरों का पिता के मृत्यु बाद वरासत का कार्य और भी अभिलेखों का कार्य नहीं हो पा रहा है जिससे मुशहरों में आक्रोश व्याप्त है नाम चढ़ाने से लेकर बैंक से लेकर सभी कार्य इस कदर प्रभावित है कि मुसहरों में भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
कृषि का काम करने वाला मुसहर अगर अभिलेखों में समय से दर्ज नहीं हो पाएगा तो उसका जियोकपार्जन कैसे चलेगा । अगर शीघ्र अभिलेख को रिलीज नहीं किया गया तो जिला पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा आगे कहा कि।मुसहर अनुसूचित जाति नहीं बल्कि अनुसूचित जनजाति है। कोल, भील, संथाल वाली श्रेणी में रहने वाले आदिवासी मुसहर, मुसहरों को प्रशासन की उपेक्षा के चलते अनुसूचित जाति में शमिल किया गया है, जो इनके हक पर आघात और कुठाराघात है। विलुप्त होती हुई प्रजाति मुसहर समाज को अनुसूचित जनजाति में जब शामिल किया जायेगा तो इनके मूलभूत उद्देश्य की पूर्ति तो होगा ही इनको अधिकार भी मिलेंगे । प्रदेश सरकार द्वारा मुसहरों के लिए योजनाओं का विस्तार तो किया जा रहा है। लेकिन वह केवल स्थानीय प्रशासन के उदासीनता के चलते कागजों तक ही सीमित रह जा रहा है। मुसहरों को अनुसूचित जाति का दर्जा देकर बाकी अनुसूचित जातियों में शामिल होने के बाद मुसहर समाज, समाज की मुख्य धारा और अपने अधिकारों से काफी विरक्त हो गया है। आगे कहा कि आज आरक्षण के क्षणिक लाभ लेने के लिए बहुत सारी जातियां धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन करके अनुसूचित जाति में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। लेकिन प्रायः जंगलों में और जंगलों के तटों पर रहने वाले आदिवासी मुसहर समाज जिनका सम्पूर्ण हक अनुसूचित जनजाति पर है, इसको सरकार व जिला प्रशासन शीघ्र ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा दें इस अवसर पर प्रमुख रूप से कैलाश राजकुमार सुदामा मुसहर. सूर्यबली मुसहर. संकर मुसहर. रमेश.सुभावती. कोकिल. पताशी. फेंकनी. नवमी. नागिया. हरिबंश. रामावतार. संतोष. बदमिया. योगेन्द्र. इंदु. आदि सैकड़ो मुसहर परिवार उपस्थित रहे।

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