भांवरकोल में गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से स्थानीय क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गाँवों की हालत बहुत चिंता जनक हो गई है। कल से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालत यह है कि पानी के दबाव से शेरपुर कला गंगा घाट के समीप 53 वां मौजे के पास पूर्व में कटान रोधी कार्य के तहत बना ठोकर नदी की धारा में बिलिन होने से बाढ़ का पानी तेजी से मैदानी इलाके में पसरना शुरू होने से ग्रामीणों में खलबली मच गई है। पूर्व में आई बाढ़ में सैकड़ों बीघा नेनुआ, मिर्च ,परवल, बाजरा,अरहर आदि फसलों की खेती फिर तबाह हो चुकी है। गंगा का पानी अभी बढ़ने की तरफ अग्रसर है। बाढ़ आपदा बिभाग की मानें तो अभी कहीं से पानी घटने का कोई संकेत नही मिला है।अब पानी गाँव मे आबादी क्षेत्र में घुसना शुरु हो चुका है जिसके चलते जन जीवन अस्त ब्यस्त होने की कगार पर है। बाढ़ का पानी शेरपुर न्याय पंचायत क्षेत्र में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने और जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। ज्ञात हो कि बाढ़ का पानी उतरते के बाद किसानों ने किसी तरह से महंगी नर्सरी खरीदकर पुनः रोपी गई मिर्च , टमाटर की फसल डूबने लगी है । पानी अब शेरपुर से होते हुए फिरोजपुर , धर्मपुरवा आमघाट से होकर भांगड नाले के रास्ते लालूपुर जयनगर बाड होते हुए कुंडेसर गांव तक पहुंच चुका है। शेरपुर पंचायत का मुबारकपुर निषाद बस्ती तीन तरफ से पानी में गिर गई है।स्थानीय किसानों की चारे और सब्जियों की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। अगर इसी तरह जलस्तर स्तर और बढ़ा तो लालूपुर, जयनगर, प्रहलादपुर और कुंडेसर गांव के किसान भी शेरपुर न्याय पंचायत के किसान दुबारा बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि यदि यही रफ़्तार बढ़ाव की रही तो बाढ़ से इस बार फिर लाखो रुपए की मिर्च और टमाटर की नर्सरी का नुकसान होगा। यह नुकसान किसानों की आर्थिक हालत पुरी तरह से खस्ताहाल हो जाएगी।
शेरपुर में कटान रोधी बना ठोकर, नदी की धारा में समाहित,बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हुए फिर बेहाल
