भाँवरकोल स्थानीय ब्लॉक अंतर्गत शेरपुर ग्राम पंचायत में पशुपालकों को अपने पशुओं में लम्पी रोग होने को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले कुंडेसर में एक पशु अस्पताल और कृत्रिम गर्भाधान केंद्र था जो अब बंद हो चुका है। अस्पताल नहीं होने से पशुपालकों को अपने पशुओं का उपचार कराने में बहुत दिक्कत हो रही है। इसकी चपेट में आने वाले पशु पूरी तरह निर्जीव हो जा रहे हैं, जब कि रोग से बचाव के लिए टीकाकरण कार्य नहीं होने से पशुपालकों में रोष व्याप्त है। पशु पालकों ने बताया कि शेरपुर, फिरोजपुर, बीरपुर, इत्यादि दर्जनों गांवो के पशुओं की स्थिति दयनीय है। चुंकि यह क्षेत्र पशुपालक बाहुल्य क्षेत्र है। और पशुपालन यहां का प्रमुख ब्यवसाय है। बड़ी संख्या में किसान पशुपालन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते हैं। इस समय क्षेत्र के अधिकांश पशु लम्पी रोग से ग्रसित हैं। बीमार पशुओं के पैरों में सूजन के साथ आंख से पानी भी आ रहा है। पशु चारा भी कम खा रहे हैं। ऐसे में पशु पालक काफी परेशान हैं।
उन्होंने बताया कि पशु अस्पताल न होने से निजी पशु चिकित्सकों द्वारा किसी तरह इलाज कराया जा रहा है किन्तु पशुपालकों को उनके पशुओं का उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।
शासन से शेरपुर मे पशु अस्पताल की मांग करते हुए पशुपालकों ने कहा कि प्रशासन द्वारा संज्ञान लेकर जल्दी ही टीकाकरण अभियान नही चलाया गया तो क्षेत्र के पशु पालकों को बहुत नुकसान होगा।