गाज़ीपुर:।गाजीपुर के धावां शरीफ गांव स्थित खानकाहे चिश्तिया में सोमवार को मशहूर सूफी संत उबैदुर रहमान बाबा का 12वां उर्स बड़ी धूमधाम और एहतिराम के साथ मनाया गया। देश भर से आए हुए बाबा के अनुयायियों और जायरीनों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाकर अपनी आस्था के नजराने पेश किए।
उर्स की विशेषताएं
– सुबह नमाजे फज्र के बाद कुरआन खानी का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
– शाम में गागर चादर का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा के दरबार में चादर पेश की गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी गई।
– रात के पहर में जलसे का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा के जीवन और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चर्चा की गई।
सज्जादा नशीन की दुआ
खानकाहे चिश्तिया के सज्जादा नशीन शाह मुजीब मियां ने देश में शांति, अमन और आपसी भाईचारे के लिए दुआ मांगी। उन्होंने कहा कि बाबा का उर्स एक ऐसा अवसर है जब हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं और आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देते हैं।
आस्था और आपसी सौहार्द का केंद्र
बाबा का उर्स अध्यात्म और आपसी सौहार्द का केंद्र है, जहां सभी वर्गों के लोग आते हैं और अपनी मुरादें पूरी होने की कामना करते हैं। इस अवसर पर लोगों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाकर अपनी आस्था के नजराने पेश किए और बाबा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।
उपस्थिति
इस मौके पर मुफ्ती शाह अमिरउद्दीन मिस्बाही, मौलाना अनवर हुसैन रहमानी, फैयाज खान, ग्राम प्रधान योगेंद्र उर्फ योगी बाबा, तनवीर अहमद राही, नगर चेयरमैन जंगीपुर आदि लोगों ने उपस्थित होकर बाबा के दरबार में आस्था के नजराने पेश किए और बाबा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।
उर्स का महत्व
उर्स एक ऐसा अवसर है जब लोग सूफी संतों के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यह आयोजन आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
